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भंडारा. अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी छात्रों को सरकार की ओर से समय पर छात्रवृत्ति नहीं दी जाती है. हालांकि, कॉलेज पूरी फीस प्राप्त होने तक छात्रों को कोई दस्तावेज जारी नहीं करता है.इससे छात्रों को काफी परेशानी होती है. इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की गई है.

अखिल भारतीय भ्रष्टाचार विरोधी सामाजिक न्याय मंच जिला भंडारा की ओर से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को जिला अधीक्षक साहेबराव राठौड़ के माध्यम से भेजे गए ज्ञापन के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार अनुसूचित जाति,जनजाति और ओबीसी वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति देती है.छात्रवृत्ति की राशि छात्रों के खते पर भेजी जाति है. लेकिन यह राशि समय पर उनके खाते में जता नहीं होती. ऐसे में छात्र समय पर कॉलेज में फीस जमा नहीं कर पाते हैं.

ऐसे में सवाल खड़ा हो गया है कि छात्र या उनके माता-पिता क्या करें? प्रोफेशनल कॉलेज की फीस लाखों में होने के कारण गरीब अभिभावक अपने बच्चों की फीस नहीं भर पाते. कई छात्र जिनकी शिक्षा छात्रवृत्ति पर निर्भर है, वे दूसरी ओर अध्ययन करना चाहते हैं,लेकिन संबंधित कॉलेज शुल्क का भुगतान किए बिना आवश्यक दस्तावेज प्रदान नहीं करता है.

समाज कल्याण विभाग में हो रही देरी के कारण अनुसूचित तबके व ओबीसी वर्ग के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई का काफी नुकसान हो रहा है और उनका भविष्य संकट में है. सरकार को इस ओर तुरंत ध्यान देना चाहिए और छात्रों की छात्रवृत्ति की राशि उनके खाते में जमा कराना चाहिए. साथ ही छात्रों की फीस के नाम पर कागजातों को अवरूद्ध करने वाले कॉलेज के खिलाफ कार्रवाई की जाए.अन्यथा आंदोलन किए जाने की चेतावनी दी गई है.

ज्ञापन देते समय अखिल भारतीय भ्रष्टाचार विरोधी सामाजिक न्याय मंच  के विदर्भ अध्यक्ष सूरज परदेशी, कार्याध्यक्ष विष्णुदास लोणारे, नम्रता बागडे, कोठीराम पवनकर, लक्ष्मण दांडेकर बबन बुधे, श्रीकृष्ण ठवकर, ओमदेव नानोरकर, मुकुंदा चवडे,पितांबर वरठे, इमरान शेख, विलास खांडेकर मौजूद थे.