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    • मंगलवार को हुई एक की मौत
    • इसके पहले 18 दिसंबर के बाद हुई  मृत्यु
    • कब सख्त होगा प्रशासन
    • ओमायक्रोन के सक्रिय पेशंट नहीं

    भंडारा. कोरोना को लेकर लोगों का डर लगातार कम होता जा रहा है. अपनी पहली दो लहर की तरह यह तीसरी लहर जानलेवा नहीं है. लक्षण सामान्य है. 4 दिन में मरीज ठीक हो जाता है. आदि बयानबाजी ने मानो डर खत्म कर दिया है. इस वजह से बाजार में भीड़ है. लोग स्कूल खोलने के लिए दबाव बढा रही है. 100 में से बमुश्किल एकाध ही मास्क पहने नजर आता है.

    प्रशासन की कार्रवाई फोटोसेशन तक सीमित रहती है. फलस्वरूप मंगलवार को 618 कोरोना पाजिटिव मरीजों के आंकड़ों ने सभी को आत्मचिंतन करने के लिए मजबूर कर दिया है कि अभी नहीं जागे तो कोरोना संक्रमण बेकाबू न हो जाए. मंगलवार को नए मामले मिलने एवं 248 के डिस्चार्ज के बाद भी सक्रिय मरीजों का आंकड़ा 2490 पर बना हुआ है.

    20 प्रतिशत की दर मिल रहे मरीज

    मंगलवार को जिले में 3117 की जांच की गयी. इसमें 618 मरीज संक्रमित पाए गए. परीक्षण की तुलना में मरीज मिलने का प्रतिशत निकाले तो यह 19.82 यानी लगभग 20 प्रतिशत बैठता है. इसका मतलब यह हुआ कि जब 100 मरीजों की जांच की गयी. उसमें से 20 पाजिटिव निकले.

    जिलाधिकारी के निर्देश का पालन नहीं

    यद्यपि जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि बुखार के हर मरीज का अनिवार्य कोरोना टेस्ट कराया जाए. कुछ हद तक इसका पालन भी होता है. लेकिन घरेलू नुस्खे एवं मेडिकल में आसानी से पेरासिटामोल, कफ सिरप के मिलने की वजह से लोग खुद ही डाक्टर बनकर इलाज कर रहे है.

    दुकानों में पैरासिटामोल एवं थर्मामीटर की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है. यह एक कारण है कि कोरोना के संभावित मामले अब भी सामने नहीं आए है. ईमानदारी से अगर टेस्टिंग कराया जाए तो प्रतिदिन निकलनेवाले मरीजों का आंकड़ा हजार से डेढ़ हजार की सीमा पार कर जाए. 

    18 दिसंबर के बाद हुई मौत

    18 दिसंबर 2021 को कोरोना की वजह से मौत हुई थी. इसके बाद 25 जनवरी को साकोली तहसील के पलसपानी गांव में कोरोना से बाधित 70 वर्षीय वृद्धा की मौत हुई. बताया जाता है वृद्धा की एंटीजन स्टेट पाजिटिव थी. उसे प्राइवेट नर्सिंग होम में उपचार चल रहा था. लेकिन परिजनों की इच्छा थी अस्पताल की बजाए घर पर इलाज करेंगे. वृद्धा ने घर में दम तोड दिया.

    कब सख्त होगा प्रशासन

    लाकडाउन के नाम पर दीवाली एवं मकर संक्रांति के उत्सव पर नकेल कसी गयी. लेकिन चुनाव जलसों में प्रतिबंधों को कार्यान्वयन कागज पर ही रहा. हालिया संपन्न चुनाव में जिला प्रशासन द्वारा लाकडाउन की जिस तरह से धज्जियां उडाई गयी. वह वजह नजारा सभी ने देखा. अब जब 20 प्रतिशत की दर से पेशंट बढ रहे है. जिला प्रशासन कब सख्त होगा यह बड़ा सवाल है.

    चुनाव ने बढाए पेशंट

    स्वास्थ्य सेवा से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि अगर ज्यादातर वही मामले है. जो चुनाव में बेफिक्र होकर घुमे. चुनाव के दौरान संक्रमित हुए. समय पर चेक नहीं कराया. अब अपने परिजनों को संक्रमित कर चुके है.

    36 पर अस्पताल में उपचार

    मंगलवार को भंडारा में जो 2490 सक्रिय पेशंट है. इनमें से केवल 36 पर सरकारी एवं निजी अस्पताल में उपचार चल रहा है. शेष मरीज घर में रहकर ही उपचार ले रहे है.

    ओमायक्रोन के सक्रिय पेशंट नहीं : डा. प्रशांत उईके

    जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. प्रशांत उईके ने बताया कि भंडारा जिले से पुणे वायरोलाजी इंस्टीट्यूट में जांच के लिए कुल 54 सैंपल भेजे गए. इसमें से अब तक 2 सैंपल पाजिटिव पाए गए. जिसमें से 1 लडकी एवं 1 लडके का समावेश है. राहत की बात है कि यह दोनों सफल उपचार लेकर अब स्वस्थ है.

    जिले में पर्याप्त बेड

    भंडारा बढ़ रही कोरोना मरीजों की संख्या के बीच जिला स्वास्थ्य विभाग सक्रिय है. डीएचओ डा. प्रशांत उईके ने बताया कि जिले के जिला अस्पताल में बनाए गए कोरोना विभाग में 642 आक्सीजन बेड है. इसमें से 160 पर वेंटिलेटर की सुविधा है.

    स्वास्थ्य विभाग ने की सीसीसी का प्रस्ताव

    बाजार में दवा की दुकान पर जाकर दवाइयों लेने की प्रवृत्ति से सही उपचार नहीं होने का डर है. स्वास्थ्य विभाग ने इस पर चिंता जताते हुए जिला प्रशासन को प्रस्ताव दिया है कि अस्पतालों पर बोझ कम करने के लिए स्थानीय स्तर पर सीसीसी यानी कम्युनिटी केयर सेंटर खोले जाए. इससे ज्यादा संख्या में मरीजों पर उपचार संभव होगा.

    समय पर उपचार जरूरी : डा. प्रशांत पडोले

    स्व. यादवराव पडोले मेमोरियल हास्पीटल संचालक एवं प्रसिद्ध चिकित्सक डा. प्रशांत पडोले यह इस समय सर्वाधिक कोरोना मरीजों पर उपचार कर रहे है. उन्होने बताया कि बीमारी कोई भी हो, उसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. समय रहते उपचार करना जरूरी है. इससे बीमारी बढ़ने का खतरा कम होता है. खुद चिकिस्तक बनकर उपचार करने की प्रवृत्ति गलत है.

    मंगलवार की रिपोर्ट

    • कुल टेस्टिंग 3117
    • नए पाजिटिव मरीज 618
    • डिस्चार्ज मरीज 248 
    • मौत 1

    सक्रिय मरीज 2490

    जिला स्वास्थ्य विभाग के अनुसार भंडारा जिले में अब तक 05 लाख 18 हजार 821 लोगों की जांच की जा चुकी है. इसमें 63899 मरीज पाजिटिव पाए गए. जबकि सफल उपचार के बाद 60274 स्वस्थ हो चुके है. रिकवरी रेट 94.33 फीसदी है. जिले में कुल मौतें 1135 है. मृत्यु दर 1.78 प्रतिशत है.

    तुमसर एवं लाखनी में बढ़े मरीज

    मंगलवार को नए कोरोना मरीज में भंडारा तहसील से 192, मोहाडी तहसील से 62, तुमसर तहसील से  110, पवनी तहसील से 53, लाखनी तहसील से 113, साकोली तहसील से 67 एवं लाखांदुर तहसील से 21 का समावेश हैं.   

    प्रमुख बातें

    • कोरोना का पहला मामला 27 अप्रैल 2020 को भंडारा तहसील के गराडा (बू) में सामने आया.
    • 12 जुलाई 2020 को जिले में कोरोना से पहली मौत हुई.
    • 1  मार्च 2021 को जिले में एक दिन में सबसे ज्यादा 35 मौतें हुई थी.
    • 12 अप्रैल 2021 को सबसे ज्यादा 1,596 कोरोना पाजिटिव मरीज मिले.
    • 18 अप्रैल 2021 को जिले में एक्टीव्ह मरीजों की संख्या 12,847 तक पहुंच गई थी.
    • 22 अप्रैल 2021 को जिले में सबसे ज्यादा 1,568 मरीज ठीक होकर घर गए.
    • 25 जनवरी 2022 को जिले में एक्टीव्ह मरीजों की संख्या 2490 है.