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भंडारा (का). जिले में धान की फसल के साथ-साथ बड़े पैमाने पर सब्जी की फसलें पैदा की जाती है. इसमें पत्तागोभी, फूलगोभी, भिंडी, चौलाई की फलियां, ग्वार की फलियों के साथ-साथ लाल सब्जी, हरी सब्जी, ऐसी सब्जियों की फसलें खराब मौसम के कारण रोग से प्रभावित हुई है. दिवाली उत्सव के पूर्व 40 रु. किलो बेची जानेवाली फूलगोभी अब 10 रु. प्रतिकिलो से भी कम दाम में बिक रही है.

मार्च महिने से कोरोना के संकट ने सागसब्जी फसलों का भारी नुकसान हुआ. उस दौरान कोरोना के संकट में लाकडाउन रहने से इसके अलावा जिलाबंदी रहने के कारण किसानों के खेतों से निकली फसल को बेचना मुश्किल था. इस कारण कुछ किसानों ने बैगन, टमाटर को पालतू जानवरों के हवाले कर दिया था. इसके बाद 5 महिने लाकडाउन रहने के कारण किसानों पर अकाल का ही संकट आ गया.

खरीफ सीजन की धान की फसल के साथ, किसानों ने इस फसल को बोया जिसमें गोभी, फूलगोभी, बैगन, टमाटर जैसी सब्जियों को प्राथमिकता दी गई. लेकिन अब खराब मौसम का भी इन फसलों पर असर पड़ रहा है. इस कारण लागत खर्च भी नहीं निकल पा रहा है. जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ.