धान खरीदी केंद्र मंजूरी के लिए निजी संस्थाओं की भीड़, नियमों को मोड़कर केंद्रों को दी जा रही मंजुरी

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    लाखांदूर. सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अनुसार खरीफ व रबी सीजन में धान खरीदी केंद्र मंजूरी के लिए विभिन्न निजी सहकारी संस्थाओं के तहत सरकार से आवेदन कर भीड होने की चर्चा है. हालांकि धान खरीदी केंद्र को मंजूरी के दौरान निजी संस्था धारक, प्रशासन व सरकार से मिलिभगत में बड़े पैमाने में आर्थिक गैरव्यवहार कर सरकार निर्देशों के अनदेखी विपनन महामंडल के नियमों को मोड़कर केंद्रों को मंजूरी दिए जाने का आरोप लगाया गया है.

    प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अनुसार खरीफ व रबी सीजन में धान खरादी केंद्रों के तहत खरिदी प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए जिलें के कुछ निजी संस्थाओं को केंद्र मंजुर किए गए है. हालांकि यह मंजूरी पिछले 1वर्ष पूर्व 15 नवंबर में 2019 में दी महाराष्ट्र स्टेट को ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन द्वारा जारी निर्देशों के तहत सरकार द्वारा दिए जाने की जानकारी है. इस बीच सरकार द्वारा कुछ निजी संस्थाओं को केंद्र मंजूरी के दौरान जानबूझकर नियमों की तोड़कर मंजूरी दिए जाने का आरोप भी लगाया जा रहा है.

    केंद्र मंजुरी के बनाए गए है नियम 

    सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अनुसार धान खरीदी प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए निजी संस्थाओं को केंद्र मंजूरी के लिए 15 नवंबर, 2019 में राज्य विपनन महामंडल के तहत विभिन्न निर्देश जारी किए गए है.

    जिसके अनुसार केंद्र मंजूरी के लिए आवेदनकर्ता निजी सहकारी संस्था का ‘अ ‘अथवा ‘ब’ दर्जा,संस्था का कार्यालय व संस्था के तहत पर्याप्त  मजदुर, इसके पूर्व धान खरीदी का अनुभव, संस्था का 3 वर्ष पूर्व का लेखा परीक्षण सहित अन्य विभिन्न नियमों के अनुपालन में सरकार से मंजूरी प्रदान किए जाने के निर्देश जारी किए गए है.

    संस्थाओं के पंजीयन में गड़बड़ी 

    सरकार से धान खरीदी केंद्र मंजूरी के लिए आवेदनकर्ता संस्था तहसील के सहायक निबंधक कार्यालय द्वारा पंजीयन होना जरुरी है. हालांकि पंजीयन की गई अधिकांश निजी संस्थाए सुशिक्षित बेरोजगार होने की जानकारी दी गई है. किंतु बेरोजगारों के नाम पर संस्थाओं के तहत बनाए गए सभासदों की आयु 50 वर्ष की बताई जाने से विभिन्न संस्थाओं के पंजीयन में  गड़बड़ी होने का आरोप नागरिकों में लगाया जा रहा है.

    नियमबाह्य मंजूरी के लिए संस्थाओं की भीड़

    पिछले एक वर्ष पूर्व राज्य के विपनन महामंडल द्वारा जारी निर्देशों का उल्लंघन, संस्थाओं के पंजीयन में पाई जा रही गड़बड़ी व केंद्र मंजूरी के दौरान मिलिभगत में किए जा रहे भ्र्ष्टाचार, विभिन्न गैरकानूनी कार्यों के चलते निजी संस्थाओं को नियम बाह्य रुप से केंद्र मंजूर किए जा रहे है, जिसके कारण जिले में सरकार नियमों को मोड़कर केंद्र मंजूरी के लिए आवेदनकर्ता निजी संस्थाओं द्वारा भीड़ किए जाने का आरोप नागरिकों में किया जा रहा है.