दीपावली-भाई-दूज मिलन कार्यक्रम पांचवें वर्ष भी ‘साद माणुसकीची’ समूह ने जारी रखा सामाजिक एकता आधारित उपक्रम का सिलसिला

Deepawali-Bhai-Dooj Milan program 'Saad Manusakichi' group continued the process of social unity based initiative for the fifth year also

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    लाखनी. एक महत्त्वपूर्ण, आनंददायी, उत्साह से भरा हुआ तथा अंधेरे से उजाले की ओर ले जाने वाले दीप पर्व सभी में नई शक्ति का संचार करता है. पांच दिवसीय के इस पर्व के दौरान भाई-दूत का पर्व भी होता है. इस कार्यक्रम के दौरान सामाजिक एकता के मद्देनज़र मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, इसके माध्यम से सभी के बीच मेल-मिलाप किय जाता है.

    समाज में, परिसर में कुछ ऐसे  वंचित घटक हैं क्या जिनको विपरीत परिस्थिति में इस प्रकाश पर्व में भी अंधकार का ही समाना करना पड़ रहा है. अंधार युक्त दीपावली के अवसर पर एक छोटी सा मिट्टी की दीप प्रकाश फैलाकर अपनी उपस्थिति का प्रमाण प्रस्तुत करता है.  

     जिस समाज में हम सभी रहते हैं, उस समाज के सभी लोग यह प्रकाश बड़े ही आनंद से मनाते हैं. खुद के सामाजिक ऋण को कुछ हद तक वापसी करना सभी की जिम्मेदारी है, इस उदात्त लक्ष्य को सामने रखकर लाखनी तहसील के आर्थिक रुप से बहुत कमजोर दिव्यांग विद्यार्थी, जरूरतमंद विद्यार्थियों समेत निराश्रित, अत्यंत जरूरतमंद,  विधवा, दिव्यांग, अनाथ, वृद्ध, दीन-दुखी व्यक्तियों का समूह दर वर्ष ‘भाईदूत-भेट’ कार्यक्रम का आयोजन कर रहा. 

    राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षक पुरुषोत्तम झोडे की कल्पना तथा सक्रियता के कारण 2017 को एक समूह का निर्माण किया, इस समिति में उन्होंने लाखनी परिसर के समाजिक ऋणों का जतन करने वाले सहृदयी तथा एक समान विचारों वाले शिक्षकों तथा शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को  साथ एक साथ लाया. यह समूह वर्ष भर विभिन्न अवसरों पर सामाजिक एकता की जतन करते हुए समाजोपयोगी उपक्रम कर रहे हैं.

    इसी क्रम में इस वर्ष भी समूह की ओर से अत्यंत जरूरतमंद, अनाथ, विधवा, दीनदुखी, निराधार, दिव्यांग, वृद्ध जैसे वंचित व्यक्तियों तथा विद्यार्थियों तथा भाईदूज के दिन जीवनोपयोगी वस्तुओं तथा कुछ उदर निर्वाह के लिए जरुरी वस्तुएं उपहार के तौर पर दी गई.  इस वर्ष तहसील के दिव्यांग तथा गरजू  विद्यार्थियों के बारे में जानकारी निकालकर उन्हें आवश्यक सामग्रियां देने के लिए समूह ने मदद के हाथ बढ़ाएं.

    सोलापुरी चादर, ब्लैकेट, कपडे, स्वेटर, साडिया,  बर्तन, स्कूल, बैग, नोटबूक, पेन, कंपास बाक्स, पानी की बोतल, दिव्यांगों के लिए चलने वाली स्टिक, एक माह तक चले इतना अनाज उनके घर जाकर उपहार के रूप में दिए गए, इसी तरह हर समूह सदस्य के घर दीपावली के अवसर पर बनाए गए दीपावली फराल की सामग्रियां उपहार के रूप में दी गई.               

     समूह सदस्य पुरुषोत्तम झोडे, प्रमोद हटेवार, राम चाचेरे, ज्ञानेश्वर लांडगे, संतोष सिंगनजुडे, लालबहादुर कालबांधे, गिरिश बांते, विवेक बोरकर, केशरीलाल गायधने, संतोष सिंगनजुडे, प्रा.उमेश सिंगनजुडे, श्रीधर काकीरवार, चंद्रशेखर गिऱ्हेपुंजे, चेतन भुले, सतीश वासनिक, आनंदराव उरकुडे, विलास आंबेडारे, सूर्यभान टिचकुले, रामकृष्ण पिंपलशेंडे, मीताराम लांडगे, यादोराव गायकवाड, किशोर कठाणे, गुलशन ठवकर, प्रा. युवराज खोब्रागडे, प्रा. सुरेश खोब्रागडे, प्रा. शैलेश यावलकर, प्रमोद खेडीकर, गजीराम खंडाते, दर्याव तिरपुडे, दुर्योधन गायधने, रवींद्र म्हस्के, लाकेश धरमसारे, सुधीर झलके, योगिराज देशपांडे, विठ्ठल हारगुडे, योगेंद्र खंडाईत, विनोद वडतकर, जयकृष्ण सावरकर, दुलिचंद बोरकर, सुरेश लांडगे, डोमा डडेमल,विकास काशिवार,यशवंत दुनेदार, गुरुदेव गिर्हेपुंजे, प्रमोद फुले राऊंड ऑफिसर, निशिकांत कपागते, दिलीप चित्रिवेकर, दिलीप नागलवाडे, धनराज मेश्राम, चंद्रकांत उरकुडे, विजय गरपडे का सहयोग मिलता है.

    इस वर्ष तहसील के आलेसुर, बोरगांव, राजेगांव, लाखोरी, केसलवाडा (प)., गराडा, सेलोटी, केसलवाडा (वा), मेंढा, पोहरा, सामेवाडा, चीचटोला, शिवनी, दिघोरी, मूरमाडी, झरप, भुगांव, पेंढरी, कनेरी, गुरढा, जेवनाला,  कन्हालगांव, निमगांव, किटाडी, मांगली  ऐसे 25 गांव के जरूरतमंद लोगों को ‘भाईबज भेंट’ की गई. 

    सुनीता मरसकोल्हे, जयश्री दूधकवार, संध्या गिऱ्हेपुजे, मंगला बोपचे, उमा टिचकुले, मीनाक्षी सिंगनजुडे, शालू  उरकुडे, अर्चना लांडगे, अंजना पिंपलशेंडे, कविता किरणापुरे, माधुरी चवले, ललिता तागडे, उर्मिला तितीरमारे, ज्योति राऊत, नीता बोरकर, जयश्री बडगे, मीरा वंजारी, सुनंदा पाखमोडे, चारुलता कठाणे, प्रतिभा झलके, वंदना ठवकर, शुभांगी लुटे, सुनीता देशमुख, रंजना हारगुडे, सविता खंडाईत, योगिता डोरलीकर, रिंगला लांडगे, सारिका दोनोडे, जयश्री चेटुले, उषा कठाने, संध्या लांडगे, रेखा कारबांडे, लीला पवारे आदि ने बहुमूल्य सहयोग मिलता रहता है.   

     समूह के माध्यम से सामाजिक दायित्व की प्रेरणा के साथ-साथ अनेक सहृदयी नागरिकों में निर्माण हो तथा दीपों के प्रकाश का रुपांतरण बहुत तेजी होता है और  सामाजिक समता के जतन का महत्वपूर्ण कार्य  साथ-साथ कई उपक्रमों के माध्यम  के किय जाएगा, ऐसा विश्वास व्यक्त किया जा रहा है, समूह के कार्यों की प्रशंसा विभिन्न सामाजिक स्तर के माध्यम से किया जा रहा है.