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    पालांदूर. विकास के प्रतीक के रूप में सड़कों को विशेष महत्व दिया जाता है, लेकिन वाकल से हरदोली सड़क को देखते हुए यह स्पष्ट है कि विकास की क्या स्थिति है. सड़क पूरी तरह से गड्ढों से पटी हुई है और संबंधित विभाग और अधिकारी इसकी अनदेखी करते दिख रहे हैं। वाकल हरदोली आधा रास्ता लाखनी तहसील में आता है और आधा रास्ता लाखांदूर तहसील में आता है.

    वाकल लाखनी तहसील का अंतिम गांव है और हरदोली भी लाखांदूर तहसील से अच्छी खासी दूरी पर है. इस मार्ग पर ना तो प्रशासकीय अधिकारी ध्यान देते हैं, नाही पदाधिकारी, पिछले 20 या 25 सालों से इस रास्ते के ऊपर संबंधित विभाग ने ध्यान ही नहीं दिया है, इस कारण इस रास्ते से गुजरने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, बारिश के मौसम में तो इस रास्ते पर पैदल चलना भी मुश्किल है.

    वाकल हरदोली रास्ते पर बीच में पुल है, उस पुल पर भी गड्ढे पड़े हुए हैं, कुछ लोगों का कहना यह भी है कि पुल बनाने के 2 से 3 सालों में ही पुल पर गड्ढे पड़ गए थे, इसलिए लोगों की यह मांग है कि यह रास्ता 15 से 20 सालों से उपेक्षित है, यह मार्ग संबंधित विभाग को बनाना चाहिए.

    कोंढा- कोसरा,  आसगांव, पवनी, विरली, मासल इन गांवों में जाने के लिए वाकल से होते हुए हरदोली मार्ग से जाने के कारण यह अंतर काफी कम हो जाता है, लेकिन रास्ता खराब होने के कारण लोग इस मार्ग की बजाए दूसरे रास्ते से जाते हैं, इसलिए इस मार्ग की मरम्मत कराने की मांग स्थानीय लोगों की ओर से की जा रही है. 

    हरदोली, सोनेगांव, पेंढरी के लोगों को अस्पताल, बाजार या अन्य कोई सामान खरीदने के लिए पालंदूर गांव में जाना पड़ता है. इस मार्ग से उन्हें यह अंतर 9 किलोमीटर का पड़ता है, लेकिन रास्ता खराब होने के कारण उन्हें किटाली मार्ग से 16 किलोमीटर का अंतर पार करके आना पड़ता है. वाकल हरदोली सड़क पक्की बनाई जाती है तो आसपास के लोगों को पवनी, कोंढा कोसरा जाने का अंतर कम हो जाएगा.