- दोषुक्त पैसेवारी से किसानों में नाराजगी बढ़ी
लाखांदूर. वर्ष 2020-21 में खरीफ के दौरान तहसील में आई बाढ़ एवं तुडतुडा सहित विभिन्न की रोगों के कारण धान फसल सहित रबी फसलों की क्षति हुई थी, इस वजह से तत्कालीन सरकार एवं प्रशासन की ओऱ से तहसील में 0.037 प्रश.पैसेवारी घोषित कर अकाल के संकट की आशंका व्यक्त की गई थी.
हालांकि इस वर्ष भी खरीफ की फसल के दौरान अपर्याप्त वर्षा के साथ-साथ विभिन्न कीटरोगों के कारण फसल उत्पादन में कमी हुई है, जबकि बेमौसम वर्षा से रबी के तहत बुआई हुई. 100 प्रश.फसल क्षति की आशंका है, किंतु इस वर्ष सरकार एवं प्रशासन की ओर से फसल उत्पादन में कमी होने के बावजूद 0.072प्रश पैसे वारी घोषित करने से किसानों में नाराजगी व्यक्त कर लगातार दूसरे वर्ष अकाल के संकट की स्थिति होने का आरोप लगाया जा रहा है.
26069.70 हेक्टेयर में धान की बुआई- पिछली खरीफ फसल में तहसील के कुल 26069.70 हेक्टेयर क्षेत्र में धान फसल की बुआई की गई थी.हालांकि खरीफ फसल के दौरान अपर्याप्त बारिश एवं तुडतुडा सहित विभिन्न रोंगों के कारण फसलों की बड़ी मात्रा में क्षति हुई है, जिसके कारण खरीफ फसल के तहत फसल उत्पादन में कमी आई है.
इस वजह से सरकार के बुनियादी केंद्रों की ओर से इस वर्ष अन्य वर्षों की तुलना में धान खरीदी में कटौती कर प्रति हेक्टेयर 31.35 क़्विंटल धान खरीदी के निर्देश दिए गए हैं, इसके बावजूद सरकार एवं प्रशासन पर सदोष फसल सर्वेक्षण कर उत्पादन में कमी के बावजूद पैसेवारी अधिक घोषित करने की बात कही जा रही है.
16317.40हेक्टेयर में रबी फसलें-इस वर्ष रबी के तहत तहसील के कुल 16317.40हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों की बुआई की गई है, किंतु बेमौसम बारिश से तहसील के कुल 14,300 हेक्टेयर क्षेत्र की विभिन्न फसलों की बड़ी मात्रा में क्षति का आरोप लगाया गया है. बेमौसम वर्षा के कारण गेहू,चना,लाखोरी,उडद,मूंग,मटर आदि 14,300 हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई हुए फसलें पूर्णत: नष्ट होने का डर व्यक्त किया जा रहा है.
जिससे खरिफ में उत्पादन में कमी व रबि में बेमौसम बारिश से फसलों के क्षति से किसानों में वित्तीय संकट निर्माण होने की आशंका वय्क्त की जा रही है, इसलिए कहा जा रहा है कि इस वर्ष भी अकाल के संकट की स्थिति सामने आ सकती है.