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    भंडारा. इस वर्ष खरीफ सीजन धान उत्पादकों के लिए हानिकारक साबित हुआ है. बेमौसम बारिश एवं कीटों के प्रकोप के कारण उत्पादन में भारी गिरावट आ रही है. अपेक्षित तुअर की फसल पर आसमान में बादल छाए रहने से कीटों का प्रकोप भी बढ़ गया है.

    किसान भले ही आर्थिक रूप से परेशान हैं, लेकिन रब्बी सीजन की शुरुआत में बिजली वितरण कंपनी ने बकाया बिजली बिल की वसूली के लिए अभियान शुरू कर दिया है, जिससे किसान नाराज है. रब्बी सीजन की सिंचाई को लेकर किसान परेशान हैं. वहीं दूसरी ओर बिजली वितरण कंपनी के अभियान के खिलाफ किसानों में भारी रोष है. 

    ऐन रब्बी सीजन के दौरान बिजली वितरण कंपनी द्वारा बकाया बिजली बिलों की वसूली की नीति अपनाकर एवं बिजली कनेक्शन काटने का अभियान शुरू करने से किसानों को और अधिक आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा है. बिजली वितरण कंपनी बिना कृषि बिजली मीटर की रीडींग लिए ज्यादा बिजली बिल भेज रही है.

    इस वर्ष उत्पादन कम होने से किसान आर्थिक संकट में फंस गया है. इस वर्ष प्रति एकड़ 7 से 8 बोरी धान का उत्पादन होने से बुवाई का खर्च भी नहीं निकलता है. आर्थिक तंगी के कारण किसान बिजली बिल का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं. 

    क्या करें किसान

    बिजली वितरण कंपनी की किसान विरोधी नीति के चलते बिजली आपूर्ती खंडित होने से किसानों का रबी सीजन दूर होता जा रहा है. पिछले 2 वर्ष से किसानों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है. किसान पिछले 2 वर्ष से कोरोना काल में गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं. वही कुछ किसानों ने रबी की फसल बोई है.

    पर्याप्त पानी होने पर भी बिजली कनेक्शन नहीं होने के कारण जमीन से निकलने वाली फसल की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं. एक तरफ खरीफ सीजन में आर्थिक नुकसान तो दूसरी तरफ रबी सीजन में नुकसान किसान इस दुविधा में है. ऐसे में बिजली वितरण कंपनी द्वारा चलाए जा रहे अभियान से किसानों में रोष फैल गया है. ऐसे में सवाल खड़ा हो गया है कि किसान क्या करें.