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    भंडारा: महज छह घंटे में छह लाख क्विंटल से अधिक धान खरीदने वाले जिले के 105 खरीदी संस्थाओं की मान्यता रद्द कर दी गई है. जिला मार्केटिंग अधिकारी ने इन सभी संस्थाओं को कारण बताओ नोटिस जारी कर इसका खुलासा तत्काल करने का निर्देश दिया है.गुरुवार शाम के बाद इन 105 केंद्रों पर खरीद बंद कर दी गई है. इससे धान खरीदी करने वाली संस्थाओं में हड़कंप मच गया है.इस समस्या से निपटने के लिए 40 नए धान खरीदी केंद्र आननफानन में शुरू कर दिए गए है. लेकिन इससे किसानों को कोई राहत नहीं मिल पाई है.बल्कि किसानों की परेशानी पहले से अधिक बढ गई है.

    पिछले रबी सीजन में छह घंटे में ही छह लाख क्विंटल से अधिक धान की खरीद हो गई थी. इसके बाद उच्च स्तरीय जांच कराई गई.जांच में 207 संस्थाओं में से 105 संस्थाओं को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया. लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. बाद में खरीफ सीजन में उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई कर उन्हें धान खरीदी करने की अनुमति दी गई.इस दौरान विधायक डॉ. परिणय फुके ने अन्न और नागरिक आपूर्ति,उपभोक्ता ग्राहक मंत्री को ज्ञापन देकर उक्त संस्थाओं की मान्यता रद्द करने की मांग की.

    इसी कारण 105 खरीदी केंद्रों को निरस्त करने का निर्देश दिया गया है. अब नैसर्गिक न्याय की दृष्टि से इन सभी 105 संस्थाओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. खुलासा होने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.कारण बताओं नोटिस जारी किए जाने के बाद धान खरीद करनेवाली संस्थाओं में खलबली मच गई है. 

    आईडी कर दी गई बंद

    105  खरीदी केंद्रो पर 15 दिसम्बर की शाम तक धान खरीदी करने का निर्देश दे दिया गया. इसके बाद इन संस्थाओं की आईडी अंतिम कार्रवाई तक बंद रहेगी. यह नोटिस बुधवार को जारी किए गए हैं और अब इस बात पर ध्यान दिया जा रहा है कि संस्था का प्रबंधन क्या खुलासा कर रहा है.

    कहीं भी बेच सकते है किसान धान

    जिले में चालू खरीफ सीजन में 233 धान खरीदी केंद्र स्वीकृत किए जा चुके हैं. दरअसल 219 केंद्रों पर धान की खरीद शुरू हो चुकी है. अब इन 105 केंद्रों से धान की खरीद शुक्रवार से बंद हो गई. इसलिए इस संस्थाओं के तहत आ रहे किसानों अपना धान कहां बेचेंगे.यह सवाल निर्माण हो रहा है. किसानों को असुविधा न हो, इसके लिए प्रशासन क्या उपाय करेगा, इस पर ध्यान दिया जा रहा है. इस बारे में पूछने पर जिला मार्केटिंग अधिकारी भारतभूषण पाटिल ने बताया कि वह तहसील में किसी भी धान  खरीदी केंद्र पर अपना धान बेच सकते है. सवाल यह है कि इससे किसानों को अधिक खर्च नहीं आएगा?  इससे किसानों का नुकसान हो जाएगा.

    गारंटी पत्र पर दी गई थी खरीद की अनुमति 

    मार्केटिंग सीजन 2021-22 के दौरान, इन 105 संस्थाओं ने खरीद में गडडी देखी. मार्केटिंग फेडरेशन के प्रधान कार्यालय कीओर से एक जांच दल नियुक्त किया गया. इस जांच दल ने जिले के शॉपिंग सेंटर की जांच की थी. साथ ही नागपुर संभागायुक्त के आदेश पर राजस्व अधिकारियों ने खरीदी केंद्र का निरीक्षण किया.

    जिला मार्केटिंग अधिकारी ने समिति के सामने अपनी रिपोर्ट रखी. 28 खरीदी केन्द्रों को श्रेणी ए में तथा 77 केन्द्रों को श्रेणी बी में सम्मिलित किया गया है. नई संस्था चयन समिति की ओर से श्रेणी ए के लिए गंभीर त्रुटी वाले संस्थाओं पर 1 लाख रुपये और मामूली त्रुटी वाली संस्थाओं पर 50,000 रुपए का जुर्माना लगाया गया था.गारंटी ली गई कि अगले सीजन में कोई गड़बड़ी नहीं होगी. लेकिन अब उनके खिलाफ कार्रवाई के संकेत मिल रहे हैं.

    नए 49 केंद्र खोले

    इस समस्या से निपटने के लिए जिला मार्केटिंग अधिकारी कार्यालय की ओर से 49 नए खरीदी केंद्र खोलने की अनुमति दी गई है. लेकिन यह केंद्र उन बंद केंद्रों की पूर्ति नहीं कर पा रहे है. इसका सीध अर्थ यही है कि किसानों को अब अपना धान बेचने के लिए अधिक खर्च करना होगा. यह बात आमदनी अठन्नी खर्चा रुप्पया वाली कहावत को ही चरितार्थ कर रही है.