Stray Dogs
फ़ाइल फोटो

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    भंडारा. शहर में आवारा कुत्तों का आतंक  बढ़ गया है. कुत्तों के झुंड अब बच्चे पर हमला करने की जुर्रत करने लगे हैं. देर रात बाद या सुबह तड़के  साइकिल या बाइक से जाना खतरे से खाली नहीं है. सुबह मार्निंग वाक करनेवाले लोग भी आतंकित है. सड़क चौराहे में जुटे कुत्तों के झुंड देखकर रास्ता बदलने की नौबत आयी है.

    सड़कों पर दिखाई देते हैं कुत्तों के झुंड

    यही हाल पूरे शहर में खात रोड परिसर में भी कुत्तों के हमलावर होने की घटनाएं स्थानीय लोगों द्वारा सुनी जा सकती है. कुत्तों का झुंड गांधी चौक, महाल, मुस्लीम लाईब्ररी चौक, राजीव गांधी चौक, लाला लजपतराय वार्ड, शास्त्री चौक, बस स्टैंड, पोस्ट आफिस, खामतालाब चौक आदि जगह दिखायी देता है. 

    2 साल पहले की घटना

    भंडारा शहर में कुत्तों के नरभक्षी होने की दो साल बाद भी लोग भूल नहीं पाए है. 40 वर्षीय शराबी रात के समय में शराब की नशे में धूत होकर मुस्लिम लाईब्रेरी के पिछे के मैदान के पास में गिरा. अत्यधिक सेवन से उसकी मौत हुई. सुबह होने के बाद लोगों को घटना का पता चला. मृतक के शरीर का ज्यादातर हिस्सा कुत्तों निगल चुके थे.

    मांसाहार के आदी हो रहे कुत्ते

    हाल ही में खात रोड परिसर में हिरन को भी कुत्तों ने हमला कर अपना निशाना बनाया था. भंडारा शहर में शहर के  छोटे-बड़े चौराहे एवं सड़कों में जिस गति से चिकन एवं मटन बिर्यानी, अवैध मांस विक्रेताओं के स्टाल लगते जा रहे हैं. इन दूकानों के वेस्टेज ही आवारा कुत्तों का मुख्य आहार है. यह कुत्ते विशेष कर कच्चा मांस खाने के आदि हो चुके हैं. चिकित्सकों की माने तो कुत्तों के बर्ताव खतरनाक हो सकता है. ऐसे में कुत्तों की आबादी पर नियंत्रण करना अनिवार्य हो चुका है.

     बंदोबस्त करने की मांग

    शहर में आवारा कुत्तों की दहशत व्याप्त है. इन कुत्तों के कारण लोगों में डर का वातावरण पैदा हो गया है. लोगों ने इन आवारा कुत्तों का बंदोवस्त करने की मांग की है. आवारा कुत्तों का यह झुंड रात में आने वाले लोगों के लिए एक बहुत बड़े संकट से कम नहीं है.