29 junbh nivedan lakhandur

  • राकां का मुख्यमंत्री को निवेदन

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लाखांदूर. कोरोना के समय किसान, मजदूर, छोटे बड़े व्यवसायिक, जरूरतमंद जनता व आम लोगों का आर्थिक स्त्रोत बंद होने से सभी पर आर्थिक संकट आन पड़ा है. बिजली कम्पनी ने बिजली ग्राहकों को 4 महीने का एकसाथ बढ़ाकर बिल दिया है. जिससे आम लोगों को परेशानी हुई हैं. इस परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार ने लाकडाउन समय के 4 महीने का घरेलू बिजली बिल पूर्णत: बंद करने की मांग का निवेदन राज्य के मुख्यमंत्री को भेजा गया है.

निवेदन राकां जिला उपाध्यक्ष दीपक चिमणकर के नेतृत्व में लाखांदूर तहसीलदार की ओर से मुख्यमंत्री को भेजा गया. कोरोना के महामारी में पिछले मार्च से जून महीने तक लाकडाऊन रखा गया है. इस समय में किसान, मजदूर, छोटे बड़े व्यवसायिक, पानठेले, सब्जी विक्रेता, फेरीवाले, जरूरमंद व आम लोगों पर भारी आर्थिक परिस्थिति निर्माण हुई है. लॉकडाउन में सभी काम बंद होने से जनता का आर्थिक स्त्रोत बंद पड़ा था. बिजली कंपनी ने बढ़ाकर घरेलू बिल भेजा है. जिससे ग्राहक व जनता में तीव्र रोष दिखायी दे रहा है. 

ग्राहकों में परेशानी
बिजली उत्पादक कंपनी की ओर से प्रति यूनिट 62 पैसे दर से बिजली उपलब्ध होने पर ग्राहकों की ओर से 100 यूनिट तक 3.5 रुपये के दर से व अधिक यूनिट के लिए प्रत्येकी 6.95 रुपये व 9.90 रुपये प्रति यूनिट दर से वसुल किया जा रहा है. यानि ग्राहकों की लूट होने का आरोप किया जा रहा है. फिलहाल सभी ओर खरीफ सीजन की शुरूआत हुई है. बिजली कंपनी की ओर से बढ़ाकर बिजली बिल आने से घरेलू बिजली खंडित होने के डर से सभी ओर तीव्र रोष व नाराजी व्यक्त की जा रही है.

इस प्रकरण में सरकार ने दखल देकर लॉकडाउन के समय के मार्च से जून 2020 महीनों का घरेलू बिजली बिल माफ करने की मांग की गई है. लाखांदूर के नायब तहसीलदार देविदास पाथोडे द्वारा राज्य के मुख्यमंत्री को निवेदन देते समय नगरसेवक देवानंद नागदेवे, धनराज हटवार, गोविंदराव बरडे, डा. दिगंबर साठवणे, नरेश दिवटे, धनराज वासनिक, विनोद ढोरे, बाबूराव धकाते, गोपाल घाटेकर, ब्रम्हदास मेश्राम, मानबिंदु दहिवले, जयपाल मेश्राम के साथ अनेक पदाधिकारी, कार्यकर्ते उपस्थित थे.