Petrol diesel prices rise for the ninth consecutive day

  • आम नागरिक, किसान और ट्रांसपोर्टर परेशान

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तुमसर. गत 4 माह से पेट्रोल- डीजल के दामों में हो रही लगातार वृद्धि ने किसान एवं ट्रांसपोर्टर को परेशानी में डाल दिया है. डीजल की इस महंगाई का असर सीधे-सीधे किसान व सर्वसामान्य नागरिकों पर  पड़ रहा है. कोरोना संक्रमण के कारण पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रही जनता के लिए यह वृद्धि आग में घी डालने का काम कर रही है. डीजल के दामों में बेहताशा वृद्धि से किसानों में रोष व्याप्त है. लगातार पेट्रोल व डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी होने का असर सर्वसामान्य लोगो की जेब पर पड़ रहा है.

डीजल महंगा होने से माल भाड़ा बढ़ गया है जिससे महंगाई आसमान छू रही है.  6 माह तक हुए लॉकडाउन के कारण पहले से लोगों की कमर टूटी हुई है. अब इस नए बोझ से नागरिक काफी परेशान दिखाई रहे हैं. इस संदर्भ में क्षेत्र के नागरिक व ट्रांसपोर्ट मालिकों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण गत 6 माह तक काम धंधे पूरी तरह से बन्द थे जो जमा पूंजी थी उसी से अब तक घर का खर्च चल रहा था. अनलॉक तो हुआ है लेकिन अभी कारोबार पटरी पर नहीं आए हैं.

डीजल के दाम बढ़ने से रोज़मर्रा की ज़रूरत की चीज़ें भी महंगी हुई हैं. पेट्रोल व डीजल के बढ़ते दामों से ट्रांसपोर्टरों में भी काफी आक्रोश व्याप्त है. स्थानीय ट्रांसपोर्ट व्यवसायी ने कहा कि डीजल के आसमान छूते दामों ने कमर तोड़ दी है. ट्रांसपोर्ट लाइन तो वैसे ही मंदी की मार झेल रही थी.

हमारी गाड़ियों को लम्बा सफ़र करना होता है जिसके एक चक्कर में लगभग हज़ार लीटर डीजल लग जाता है. 4 माह में डीजल पर 10 से 15 रुपये बढ़ने  से एक हज़ार लीटर पर 10 -15 हज़ार रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ गया है. इस कारण  माल ढुलाई के दाम बढ़ने से महंगाई बढ़ी है. केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल एवं डीजल के दाम कम कर लोगों को राहत दिलानी चाहिए.