गोसीखुर्द बैकवाटर ने बढ़ाई परेशानी, नदी किनारे गांवों की बढी परेशानी

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    • भंडारा में ग्रामसेवक कालोनी में 3 घरों में 2 फीट पानी
    • भंडारा स्मशानभूमी सड़क पर पानी
    • विरोधियों ने नप पर फोड़ा ठिकरा

    भंडारा. महत्वाकांक्षी इंदिरा सागर राष्ट्रीय परियोजना यानि गोसीखुर्द परियोजना के जलस्तर को दिसंबर के दूसरे सप्ताह तक 245.50 मीटर करने का निर्णय लिया गया. जबकि नवंबर के दूसरे सप्ताह तक जलस्तर 245 मीटर करने की नीति का साइड इफेक्ट दिखने लगा है. 

    बुधवार को भंडारा शहर से सटे स्मशानभूमी मार्ग पर बैकवाटर के इकठ्ठा होने से हड़कंप मच गया है कि अगर अभी यह स्थिति है, ऐसे में तब क्या होगा? जब 245.50 मीटर के जलस्तर पर पानी रोका जाएगा. यद्यपि जिला आपदा प्रशासन के अनुसार डरने की कोई जरूरत नहीं है. वहीं स्मशानभूमी सडक पर पानी इकट्ठा होने पर विरोधियों नगराध्यक्ष की दूरदर्शिता पर सवालिया निशाना साधते हुए कहा कि पेशे से इंजीनियर नगराध्यक्ष सुनील मेंढे यह भांपने में कैसे चूक गए कि गोसीखुर्द की लेवल बढ़ने की स्थिति में लोग स्मशानभूमी कैसे जा पाएंगे?

    गंभीर होंगे हालात : अश्विन बांगडकर

    राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस शहर अध्यक्ष  अश्वीन बांगडकर ने कहा कि स्मशानभूमी पर साढे तीन करोड रुपये का खर्च किया गया है. गोसीखुर्द की लेवल क्या होगी? इस बारे में सभी को जानकारी थी. इस संबंध में जागरूक नागरिक एवं नगरसेवकों ने अपनी चिंता से नगराध्यक्ष को अवगत कराया था कि जलस्तर बढ़ने की स्थिति में सड़क की ऊंचाई बढाना पड़ेगी या फिर वहां पर पुल बनाना पड़ेगा. लेकिन इस सूचना को नजरअंदाज कर दिया गया. दूरदर्शिता के अभाव का परिणाम अब दिखाई दे रहा है जब मामूली बैकवाटर की वजह से भी स्मशानभूमी की सड़क पर पानी इकट्ठा हो रहा है.

    राकां प्रतिनिधि ने दी भेंट

    बुधवार को राकां युवा नेताओं का प्रतिनिधि मंडल मौके पर पहुंचा. इसमें लोकेश खोब्रागडे, विशाल भिवगडे, अश्विन बांगडकर एवं किरण वाघमारे का समावेश था.

    घबराने की जरूरत नहीं : जिला आपदा विभाग

    जिला आपदा नियंत्रण अधिकारी अभिषेक नामदास ने बताया कि भंडारा तहसीलदार अरविंद हिंगे ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का मुआयना किया है. सडक पर बैकवाटर का पानी इकट्ठा है.

    दीवार में सुराख बनी वजह

    सूत्रों ने बताया कि नप द्वारा परिसर में पानी को रोकने के लिए एक दीवार बनाई थी. लेकिन अब दीवार के क्षतिग्रस्त होने की वजह से सड़क पर इकट्ठा हुआ है.

    परीक्षण चल रहा है

    आपदा नियंत्रण विभाग ने बताया कि गोसीखुर्द विभाग द्वारा जलस्तर धीरे धीरे बढ़ाया जा रहा है. ताकि जलस्तर फैलाव से उपजने वाली स्थिति का अध्ययन कर उपाययोजना की जा सके.

    नप सीओ ने दी भेंट

    तहसीलदार के निर्देश पर नगर परिषद भंडारा के मुख्याधिकारी विनोद जाधव ने भी मौके का निरीक्षण किया है. आने वाले दिन में आवश्यक उपाययोजना करने की बात उन्होंने कही.

    वैनगंगा की लेवल 244.68

    नवंबर के दूसरे सप्ताह तक गोसीखुर्द का जलस्तर 245 मीटर की योजना का असर दिखने लगा है. बुधवार को दोपहर में वैनगंगा नदी के पुराने पुल के पास में जलस्तर 244.68 मीटर था. पुराने पुल के थोड़े निचे से पानी बह रहा था. लेकिन जब दिसंबर के दूसरे सप्ताह तक 245.50 मीटर तक बढ़ाया जाएगा. ऐसे में पुराना पुल डूबने की संभावना है. साथ ही स्मशानभूमी वाली सड़क पर 2 फीट से भी ज्यादा पानी होगा. ऐसे में वहां से गुजरना मुश्किल हो जाएगा.

    नप बुलाएगी बैठक

    नप सूत्रों से पता चला है कि स्मशानभूमी वाली सड़क पर जलस्तर के बढ़ने से होने वाली परेशानी को लेकर नप प्रशासन चिंता में है. क्या उपाययोजना की जा सकती है, इसपर चिंतन किया जाएगा.

    दो उपायों पर मंथन

    इस समय दो उपायों पर मंथन हो रहा है. जिसमें फिलहाल सड़क की ऊंचाई बढ़ाने पर विचार हो रहा है. लेकिन भविष्य में जलस्तर बढ़ने पर सड़क को ऊंचा बनाने से दोनों ओर से पानी का दबाव बढ़ जाएगा. इस वजह से अन्य एक प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार चल रहा है कि पुल बनाने की नौबत आ सकती है.

    नेताजी की जिद भारी पडी

    भंडारा शहर की एकमात्र स्मशानभूमी के सौंदर्यीकरण पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए. गोसीखुर्द जलस्तर के खतरे की स्थिति में वैकल्पिक उपाय की ओर नजरअंदाज किया. स्मशानभूमी सड़क की ऊंचाई बढ़ाने या पुल बनाने की आवश्यकता पर दूरदर्शी नेता ने ध्यान ही नहीं दिया. नेता की जिद की वजह से स्मशानभूमी का विकास तो हो गया. लेकिन जब सडक ही पानी में रहेगी तो लोग कैसे जाएंगे?

    ग्रामसेवक कालोनी में पानी घुसा

    ग्रामसेवक कालोनी निवासी तथा राकां नेता भानुदास बनकर ने बताया कि बालकृष्ण वैरागडकर, अनिल बैतुले, नानाजी चित्रीव, मोहन चित्रिव उनके घर में पानी 2 फीट पानी घुसा. 2016 में मुआवजा मिला. लेकिन सरकार की गलती की वजह से पुनर्वास के लिए प्लाट नहीं मिला. शहर के नजदीक प्लाट में देने की मांग है. ग्रामसेवक कालोली एवं नागपुरे कालोनी में कुल 32 बाधितों को आज भी प्लाट की प्रतीक्षा है.

    गंदे पानी की समस्या

    ग्रामसेवक कालोनी के निवासियों ने बताया कि बैकवाटर की वजह से भंडारा शहर के गंदा पानी परिसर में फैल रहा है. इससे बदबू एवं बीमारियों का खतरा बढा है.

    पहेला बाजार में पहुंचा पानी

    पहेला गांव के गंदे पानी को नदी में छोड़ने के लिए बनाए गए नाले से गोसीखुर्द का बैकवाटर अब पहेला के बाजार परिसर में फैल रहा है. विलास बांडेबुचे ने बताया कि गंदे पानी की बदबू से लोगों को परेशानी हो रही है.

    निमगाव में भी पानी

    गोसीखुर्द का जलस्तर बढ़ने एवं बैकवाटर की वजह से भंडारा तहसील के निमगांव श्मशान भूमि का शेड लगभग डूब गया. निमगांव निवासी कुलदीप गंधे ने बताया कि जलस्तर बढ़ने की वजह से अब अंतिम संस्कार स्मशानभूमी की सड़क पर ही करने पड रहे है.

    पहेला से लाना पड रहा है पानी

    वैनगंगा का पानी जिप स्कूल तक पहुंच गया. जलापूर्ति केंद्र के पानी में डूबने से निमगांव वासियों को 3 किमी की दूरी तय कर पहेला से आरओ का पानी लाना पड रहा है.