Gaymukh

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    तुमसर. छोटा महादेव के नाम से प्रख्यात गायमुख में महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर महाराष्ट्र एवं म.प्र.के लाखों श्रद्धालु भगवान शिव पार्बती के दर्शन लिए पहुंचे. लेकिन नियोजन के अभाव में उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा.

     शनिवार को गायमुख रेस्ट हाउस से बस स्टैंड के बीच हजारों श्रद्धालुओं की रेलपेल में छोटे बच्चे एवं वृध्द महिला पुरुषों का दम घुटने जैसी स्थिति निर्मित हो गई थी. इस दौरान भीड़ के जमावडे को धक्का लगने से श्रद्धालुओं को दूकानदारों के गुस्से का कोपभाजन होना पड़ा. 

    इसके पूर्व अंबागढ़ से रामपुर के बीच घंटो तक ट्रैफिक जाम होने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा.इस दौरान प्रत्येक श्रद्धालु पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली को लेकर अकार्यक्षमता की बाते करते हुए दिखाई दे रहा था.

    मेले में जगह- जगह हुआ महाप्रसाद वितरण

    विधायक राजू कारेमोरे की ओर से आयोजित महाप्रसाद कार्यक्रम में पूर्व सांसद मधुकर कुकड़े, विधायक राजू कारेमोरे,तहसील राकाध्यक्ष धनेन्द्र तुरकर, रेखा ठाकरे,सुरेश रहांगडाले, देवचंद ठाकरे, ठाकचंद मुंगुसमारे आदि उपस्थित थे.गायमुख मेले में कांग्रेस कमेटी की ओर से हजारो श्रद्धालुओं को उपवास की खिचड़ी का वितरण किया गया.इसमें प्रदेश कांग्रेस पूर्व सचिव प्रमोद तितिरमारे, अमरनाथ रगड़े,कान्हा बावनकर,शंकर राउत,बाला ठाकुर,प्रफुल बिसने,शुभम गभने, आनंद बिसने ,नीरज गौर, प्रशांत लांजेवार,योगिता बावनकर,नूतन भोले,करुणा धुर्वे आदि ने सहयोग किया.

    वैसे ही राष्ट्रीय पवार क्षत्रीय महासभा भारत संघटन की ओर से आयोजित पानी वितरण कार्यक्रम में विश्वजीत पुण्ड़े,लालू कटरे,अभिमन्यु पटले, महेश पटले, जयशंकर रहांगडाले,रामु बिसने आदि उपस्थित थे.

    पूर्व विधायक अनिल बावनकर एवं मित्र परिवार, विकास फाउंडेशन के चरण वाघमारे एवं अन्य पदाधिकारियों के साथ ही शिवसेना, बजरंग दल एव अन्य सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से महाप्रसाद एवं पानी वितरण की सुचारू व्यवस्था की गई थी. मेले में पहुंचे भक्तजनों ने गायमुख के पहुंच मार्ग की खस्ता हालत पर चिंता व्यक्त की. राजस्व विभाग, वन विभाग, एस टी महामंडल ने भक्तजनों के लिए उचित व्यवस्था की थी.

    होटल चालकों का धंदा हुआ था मंदा

    गायमुख मेले में राजनीतिक एवं सामाजिक संस्थाओं की ओर से जगह जगह महाप्रसाद एवं उपवास की खिचड़ी,लड्डू,कंद आदि का वितरण किये जाने से होटल चालको के धंदे पर काफी असर पंहुचा.जिस आशा के साथ उन्होंने मेले में होटल खोली थी उनकी आशाओं पर पानी फिर गया.