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    भंडारा. एमपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को राज्य सरकार ने बड़ी राहत दी है. राज्य मंत्रिमंडल ने परीक्षा में बैठने के लिए एक वर्ष की अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया है. इस फैसले से जिले की प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने वाले छात्रों को भी बड़ी राहत मिली है. पिछले 2 वर्ष से अभी तक कोरोना के कारण परीक्षा नहीं हुई है. यदि राज्य सरकार ने यह निर्णय नहीं लिया होता तो कई छात्र परीक्षा में बैठने से वंचित रह जाते. सरकार के इस फैसले से छात्रों को बड़ी राहत मिली है.

    कोरोना की वजह से परीक्षा देने वाले छात्रों को परेशानी हुई. इसका असर उनकी परीक्षा पर पड़ा है. आयु सीमा पार करने वाले छात्रों को परीक्षा से वंचित किया जाना था. ऐसे सभी छात्रों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है. यह फैसला 19 नवंबर को आवेदन भरने की अंतिम मियाद होने वाली परीक्षा पर भी लागू होगा. 

    विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा मार्गदर्शन केंद्रों पर बढ़ी भीड़

    प्रतियोगी परीक्षा के लिए आयु में 1 वर्ष की वृद्धि करने का निर्णय लिया गया. इस फैसले का कई छात्रों ने स्वागत किया है. कोरोना से पैदा हुई परेशानी से डेढ़ वर्ष की राहत के बाद छात्रों ने फिर से परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी है. भंडारा शहर के कई वाचनालय में छात्रों की भीड़ देखी जा सकती है. निजी ट्यूशन कक्षाओं में नियमित दस्तक देने की भी तस्वीर है.

    इन कक्षाओं में चर्चा के माध्यम से नए जोश वाले एवं पुराने छात्र-छात्राएं पढ़ते नजर आ रहे हैं. भंडारा शहर में पहले प्रतिस्पर्धी माहौल नहीं था. लेकिन अब इस संबंध में जागरूकता आई है. सरकारी नौकरी के अपने सपने को पूरा करने के लिए शहरी एवं ग्रामीण छात्र दिन-रात मेहनत करते नजर आ रहे हैं. कुछ छात्र तैयारी के लिए मुंबई, पुणे व नागपुर जा रहे हैं.

    2 वर्ष पहले से कोई परीक्षा नहीं

    कोरोना के चलते कई क्षेत्रों में 2 वर्ष से प्रतियोगी परीक्षाएं नहीं हुई हैं. एमपीएससी की परीक्षा 2 वर्ष से नहीं हुई है. अगर सरकार ने आयु सीमा बढ़ाई तो भी इससे भले ही कई लोगों को फायदा हो, लेकिन अगर यह फैसला पहले ले लिया होता तो पढ़ाई जारी रहती. ऐसा प्रतियोगी परीक्षा देने वाले छात्रों का कहना है.

    राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा के लिए आयु में 1 वर्ष की वृद्धि से कई लोगों की उम्मीदे बढ गई है. कोरोना संक्रमण ने कई लोगों के साल बर्बाद कर दिए हैं. कोई परीक्षा नहीं हुई है. अब नए जोश के साथ छात्रों ने परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी है. किसी भी स्थिति में, इस वर्ष को पास होना ही एकमात्र दृढ़ निर्णय है.