गांधी जयंती पर पहल: हरदोली का युवा बने एक दिवसीय सरपंच, वोट से चुनाव

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    मोहाडी. हरदोली ग्राम पंचायत हमेशा नवीन पहलों को लागू करती है. उस पहल के अलावा एक और है. गांधी-शास्त्री जयंती के अवसर पर एक दिन प्रशासन युवाओं के हाथ में यह पहल लागू की गई. राहुल बुरडे सरपंच चुने गए और पूर्णिमा बुरडे उप सरपंच चुने गए. सरपंच सदाशिव ढेंगे सचिव एवं गोपाल बुरडे ने निर्वाचित सरपंच एवं उप सरपंच को नियुक्ति पत्र सौंपा. इसके बाद राहुल बुरडे एवं पूर्णिमा बुरडे की ओर एक दिन के लिए सरपंच व उप सरपंच का कामकाज सौंप दिया.

    अध्यक्षता सरपंच सदाशिव ढेंगे ने की. मुख्य उपस्थिति में उपसरपंच मनोजकुमार झंझाड, सुघ्यादेव झंझाड, जोती झंझाड, संगीता झंझाड, प्रेमलता झंझाड, हिरा झंझाड, गुणवंत झंझाड, राहुल झंझाड, प्रफुल ईश्वरकर, पंकज शेंडे, श्रददा झंझाड, अमोल इलमे, प्रतीक्षा लांडगे, निकिता बुरडे उपस्थित थे.

    ग्राम पंचायत के प्रशासन में पारदर्शिता होनी चाहिए. यह अभिनव पहल लोगों को यह बताने के लिए लागू की जा रही है कि ग्राम पंचायत कैसे चलती है. ग्राम पंचायत के प्रति गांव के युवाओं का नजरिया सकारात्मक होना चाहिए. युवाओं के बीच विचार, सुझावों से गांव के विकास में योगदान देने के उद्देश्य से इस अवधारणा को क्रियान्वित किया जा रहा है.

    दरअसल, युवाओं को निर्णय लेने की प्रक्रिया में काम करने का मौका दिया गया. इससे पहले, हरदोली ग्राम पंचायत ने लड़कियों के जन्म का स्वागत, आईना सरपंच पुरस्कार योजना, बहु-धार्मिक विवाह समारोह, करदाताओं की मुफ्त पीस, लड़कियों द्वारा ध्वजारोहण, लड़कियों के लिए कुश्ती प्रशिक्षण आदि जैसी नवीन पहलों को लागू किया है. 

    ऐसे हुआ सरपंच पद का चुनाव

    सरपंच व उप सरपंच के लिए गांव के 3 युवक-युवतियों ने ग्राम पंचायत को 5 आवेदन दिए थे. चयन गुप्त मतदान से हुआ था. राहुल बुरडे पांच मतों से सरपंच चुने गए. उपसरपंच पद के लिए अमोल इलमे एवं पूर्णिमा बुरडे को समान वोट मिले. पूर्णिमा बुरडे उप-पंच ईश्वर चिठी द्वारा चुने गए. सभी निर्वाचित सरपंच, उप सरपंचों को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया. सभी निर्वाचित सरपंच, उप सरपंच, सदस्यों को प्रशासन का कामकाज समझाया गया. उसके बाद, गांव की मुख्य समस्याओं का एहसास कराया गया.