Gharkul

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    भंडारा: भंडारा तालुका के खुटसावरी में उजागर घरकुल आवास योजना घोटाले को लेकर बीडीओ ने वरिष्ठों को जांच रिपोर्ट सौंपी है. इस रिपोर्ट के आते ही सरकारी गलियारों में खलबली मच गई है. इस रिपोर्ट में पांच व्यक्तियों को दोषी ठहराया गया है जिनमें सरपंच, ग्रामसेवक, ग्रामीण आवास अभियंता, रोजगार सेवक और लाभार्थी शामिल हैं. अब कई लोगों की निगाहें इस पर टिकी हैं कि दोषियों के खिलाफ क्या कारवाई की जाती है.

    आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, मनीषा बाबूलाल वासनिक गट ग्राम पंचायत खुटसावरी में सरपंच हैं. उनके पति बाबूलाल वासनिक ने अपनी पत्नी के पद का दुरुपयोग किया यह जांच रिपोर्ट में साबित हो गया है. बाबूलाल वासनिक को वर्ष 2018-19 में रमाई आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत किया गया था. बाबूलाल ने घरकुल की पहली किश्त का लाभ उनकी पत्नी के सरपंच के पद पर आने के बाद लिया. लेकिन घरकुल की दूसरी किस्त बिना किसी नींव या निर्माण के उठा ली.

    इस संबंध में ग्राम पंचायत के तीन सदस्यों ने नौ जून को प्रशासन से शिकायत की थी. उसके बाद सरपंच पद को बचाने के लिए नए सिरे से नींव और साज-सज्जा के स्तर तक अधूरा निर्माण कर मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा था. आरोप यह भी लगे कि फर्जी फोटो का इस्तेमाल कर सरकार को गुमराह किया गया है. इसी शिकायत के अनुसार सामाजिक कार्यकर्ता महेंद्र तिरपुड़े ने जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष सरपंच व सदस्य के खिलाफ सदस्यता निरस्त कीए जाने की मांग की. साथ ही लाभार्थी द्वारा जुटाई गई राशि को सरकार तत्काल रिकवर करे और मामले से जुड़ी अन्य मांगों को लेकर पांच दिनों तक आमरण अनशन भी किया गया.

    इस मामले में विकास अधिकारी, विस्तार अधिकारी ने गांव का दौरा कर जांच पड़ताल की की. अंत में बीडीओ की जांच रिपोर्ट तैयार है और इसमें सरपंच, ग्राम सेवक, ग्रामीण आवास अभियंता, रोजगार सेवक और लाभार्थी इन पांच लोगों को दोषी ठहराया गया है. रिपोर्ट की प्रतियां जिला ग्रामीण विकास प्रणाली के परियोजना निदेशक, निवासी उप जिलाधिकारी और जिला परिषद उप मुख्य कार्यपालन अधिकारी को भेजी गयी हैं.

    खुटसावरी में घारकुल मामले में जांच रिपोर्ट तैयार कर ली गई है. इस रिपोर्ट की प्रतियां शिकायतकर्ता के साथ वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी गई हैं.

    संघमित्रा कोल्हे (बीडीओ, भंडारा)