Online education system failed in Tehsil

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भंडारा (का). कोरोना के कारण चल रहे लॉकडाउन का अन्य क्षेत्रों के साथ ही शैक्षणिक क्षेत्र पर भी बड़ा परिणाम हुआ है. कक्षा 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा दे चुके छात्र तथा अन्य छात्र ग्रीष्मकाल के दिनों में कम्प्यूटर, टायपिंग एवं अन्य कला प्रशिक्षण लेते हैं. विशेषत: गांव में सुविधा नहीं होने से कई छात्र तहसील में जाकर प्रशिक्षण लेते हैं.

सैकड़ों रहे वंचित
हालांकि इस बार लॉकडाउन के कारण प्रशिक्षण संस्था एवं केंद्र बंद रहने से सैकड़ा छात्र इससे वंचित रहे हैं. दूसरी ओर प्रशिक्षण केंद्र के माध्यम से उपलब्ध होनेवाले रोजगार पर भी संकट आया है. छूट्टियों में शहर के साथ ग्रामीण छात्र संगणक प्रशिक्षण, कला एवं अन्य प्रशक्षिण लेते हैं. इस कारण यह केंद्र छात्रों से भरे रहते हैं. 

रोजगार भी छिना
इस माध्यम से कई जरुरतमंद छात्रों को रोजगार भी मिलता है. किंतु प्रशिक्षण केंद्र ही सूने पड़ने के कारण कई लोगों को रोजगार छिन गया है. विभिन्न निजी कार्यालय, दूकान, संस्था, प्रिटिंग प्रेस, होटल, जेराक्स सेंटर आदि जगह पर जरूरतमंद युवाओं को ग्रीष्मकाल के दिनों में रोजगार उपलब्ध होता है. कुछ लोग स्वयं के घर में टायपिंग कर आय प्राप्त करते हैं. इसमें लड़कियां एवं महिलाओं का प्रमाण अधिक है. युवक युवतियां विभिन्नि कम्प्यूटर कोर्स करने के पश्चात निजर प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षक के रूप में नौकरी करते हैं. किंतु फिलहाल वह भी बंद है.