Power Crisis
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    भंडारा. गर्मी एवं उमस ने लोगों को परेशान कर रखा है. दूसरी ओर महावितरण भी लोगों की सहनशीलता की परीक्षा ले रही है. रखरखाव के नाम पर  ब्रेकडाउन आम बात होकर रह गयी है. इस ब्रेकडाऊन के बाद जरा सी आंधी या तेज हवा चलने की सूतर में कभी भी बिजली गुल हो जाती है.  इसके अलावा ग्राहकों को लो  वोल्टेज का सामना करना पड़ता है. साथ ही बिजली के उपकरणों के खराब होने का मामले बढ़ते जा रहे है. भंडारा शहर में अचानक बिजली गुल होने एवं वोल्टेज में कम ज्यादा का असर हो रहा है. लो वोल्टेज से लोगों को परेशानी हो रही थी.

    बिजली यह बुनियादी जरूरतों में से एक है; लेकिन रखरखाव की अक्षम्य उपेक्षा के कारण, मामूली कारणों से भी बिजली के गुल होने के मामले बढ़ रहे है. पिछले  दिनों से शाम होते ही हवा चलने एवं  रात में बिजली आपूर्ति बाधित हो रही है, जिससे बच्चों व बुजुर्गों को भारी परेशानी हो रही है.

    आम तौर पर 5 तरह के बिजली उपभोक्ता हैं. इनमें घरेलू, वाणिज्यिक, औद्योगिक, सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था एवं कृषि-विद्युत उपभोक्ता का समावेश है. पिछले साल प्रति व्यक्ति बिजली की खपत 360 किलोवाट से अधिक थी, इस साल बाजार सामान्य रूप से शुरू होने से इसमें भी काफी वृद्धि हुई है. लू के थपेड़ों के चलते दिन में बिजली की मांग भी बढ़ गई है.

    बारिश हुई की बिजली गुल

    इन दिनों से जिले के कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हो रही है. पिछले हफ्ते, साकोली तहसील में एकोडी क्षेत्र तेज हवाओं की चपेट में आ गया था. पूरा जिला कम ज्यादा मात्रा में तेज आंधी एवं तूफान का सामना कर रहा है.   लेकिन इन छोटी-छोटी दिक्कतों के चलते बिजली आपूर्ति बाधित होना किसी आश्चर्य से कम नहीं है.

    मेंटेनेंस के बावजूद बिजली गुल

    एक ओर मेंटेनेंस को लेकर लगातार उपेक्षा हो रही है. दूसरी ओर जिन इलाकों में मेंटेनेंस के नाम पर बिजली गुल कर रखी थी. वहां पर भी बिजली की आंखमिचौली की घटनाएं बरकरार है. छोटी-छोटी बातों पर भी बिजली आपूर्ति बाधित हो रही है. कुछ दिन पहले पूरी रात में ब्लैकआउट होने से नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ा था.

    ग्रामीण क्षेत्र में लौट आए पुराने दिन

    ग्रामीण इलाकों में बिजली कब आएगी, यह तय नहीं है. वहीं दूसरी ओर कृषि पंपों को बिजली आपूर्ति का नियमन नहीं होने की समस्या जस की तस बनी हुई है. जिले में 2 लाख से अधिक घरेलू बिजली कनेक्शन हैं. 19,000 से अधिक व्यावसायिक गतिविधियों के लिए बिजली कनेक्शन प्रदान किए गए हैं. 36,500 से अधिक औद्योगिक कनेक्शन प्रदान किए गए हैं एवं 2 लाख से अधिक कृषि पंप धारक हैं. बिजली की मांग अधिक है एवं आपूर्ति पर्याप्त नहीं है. गर्मी जाने का एवं बिजली आने का नाम नहीं ले रही है.