मनोकामनाएं पूरी करती हैं माता अन्नपूर्णा माता, भंडारा शहर का दूसरा मुख्य देवी का मंदिर

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    भंडारा. शहर में आदिशक्ति मां दुर्गा के मुख्य मंदिरों में बड़ा बाजार क्षेत्र में स्थित श्री अन्नपूर्णा माता मंदिर में शारदीय तथा चैत्रीय नवरात्र के मौके पर भक्तों के आने जाने का सिलसिला जारी रहता है. शारदीय नवरात्र के पहले दिन से लेकर महानवमी तक भक्तों ने माता से मनोकामनाएं पूरी करने की गुहार लगायी. माता के दरबार में मत्था टेकने आए सभी भक्तों ने माता से बिगड़ी बनाने की कामना की. 

    श्री अन्नपूर्णा माता मंदिर के बारे में जानकारी देते हुए सचिव किशोर वाघमारे ने बताया कि मंदिर में वर्तमान में जिस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई है, वह मंदिर जिर्णोद्धार के समय की है. पूर्व में यह मंदिर एक चबूतरे पर स्थित थी. वाघमारे ने बताया कि मंदिर के किसी भी कामकाज में अभी तक किसी भी तरह की परेशानी नहीं आई. 

    किशोर वाघमारे ने बताया कि शारदीय नवरात्र के मौके पर आने वाले हर भक्त को किसी भी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए ट्र्स्ट लगातार प्रयत्नशील रहता है. मंदिर में विशेष आयोजन तो शारदीय तथा चैत्रीय नवरात्र के मौके पर होता है, लेकिन वर्ष भर पूजा-अर्चना तथा आरती का दैनिक रूप से होती है. 

    शारदीय नवरात्र के नौ दिन सुबह की आरती 8 बजे तथा शाम की आरती 7 बजे होती है. सभी में एक सभागृह बनना बहुत जरूरी है. इस बारे में प्रस्ताव भी भेजा गया है. लेकिन अभी यह सभागृह कब बनकर तैयार होगा, इसके बारे अभी कुछ कह पाना संभव नहीं है. 

    मुंबई की मुंबा देवी की तरह ही बीच बाजार में स्थित इस मंदिर के प्रति आसपास के सभी दुकानदार विशेष निष्ठा रखते हैं तथा शारदीय तथा चैत्रीय दोनों ही नवरात्र के मौके पर अपनी-अपनी ओर से कुछ दान राशि देते हैं. हर कोई किसी किसी तरीके से नवरात्र के आयोजन जुड़ा रहता है. 

    ऐसा माना जाता है कि अन्नापूर्णा देवी की कृपा से सभी दुकानदारों की रोजीरोटी अच्छी तरह से चल रही है. इस मंदिर में प्रतिस्थापित की गई माता अन्नापूर्णा देवी भक्त की हर मनोकामना को पूरा करती हैं. यह मंदिर में दोनों नवरात्र में भक्तों का जो सैलाब उमडता है, वह देखते ही बनता है. कोरोना महामारी की वजह से पिछले वर्ष शादरीय तथा चैत्रीय नवरात्र का आयोजन नहीं हो पाया था. 

    हर साल निकाली जाने वाली शोभा यात्रा भी नहीं निकाली जा सकी थी,  इस वर्ष शोभा यात्रा पर कोरोना का ग्रहण लगा रहा. इस मंदिर के ट्रस्ट की ओर से माता की आराधना के साथ-साथ सामाजिक कार्यो के प्रति भी उत्साह दिखाया है. रक्त दान शिविर जैसे सामाजिक कार्यो के प्रति भी मंदिर ट्रस्ट विशेष दिलचस्पी दिखाता रहा है. मंदिर के कामकाज तथा गतिविधियों का दायित्व उनके साथ-साथ मंदिर के जुड़े अन्य लोगों से भी है. 

    मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष धनंजय दलाल हैं, जबकि उपाध्यक्ष गोपाल कुरंजेकर हैं, प्रमोद थानथराटे पर कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी है, जबकि मनोहर पशीने, गणपत राजगिन्हे, गोपीचंद भोजवानी तथा राजीव पेशने ये सभी मिलकर मंदिर के कामकाज को बड़ी अच्छी तरह से देख रहे हैं. इस मंदिर में शारदीय नवरात्र के हवन का विशेष कार्यक्रम भी होता है. 

    हवन की आहुति डालने के लिए हर कोई लालायित रहता है. मंदिर में आने के बाद भक्तों की परम आस्था का दर्शन होता है. नवरात्र के समय भक्तों की ओर से चढ़ावे के रूप में आने वाली साड़ियां, चूडियां तथा अन्य आभूषण रियायती दर या दान के रूप में दिए जाते हैं. 

    पिछले वर्ष  और इस वर्ष चढ़ावे के रूप में आई साड़ियों की संख्या इसलिए कम थी कि कोरोना संकट के कारण बहुत से लोग अभी-भी मंदिर जाने से कतरा रहे हैं. लेकिन जो लोग श्री अन्नपूर्णा मंदिर में माता का दर्शन नहीं कर पाए उन पर भी माता की कृपा बनी रहेगी, वह कम नहीं होगी.