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    • पुलिस जांच से संतुष्ट नहीं : सामाजिक कार्यकर्ता मेश्राम ने लगाया आरोप
    • पुलिस दबा रही है अवैध गर्भपात मामला

    भंडारा. मार्केटिंग कंपनी में काम कर रहे युवक  गोंदिया निवासी रोहित देवेंद्र टेंभेकर (28) ने 19 साल की लड़की का शारीरिक शोषण किया. जब वह गर्भ रही. शादी का वादा कर, बहला फुसलाकर गर्भपात कराया. लेकिन बाद में युवक अपने वादे से पलटा एवं फरार हो गया. पीड़ित युवती ने पुलिस में पहुंची. लेकिन जांच आगे नहीं बढ़ रही थी. जिसके बाद पीडिता की मां ने महिला आयोग से लेकर संबंधित मंच पर मामला उठाया. इस बीच फरार हुए आरोपी ने जमानत के लाख प्रयास किए. हायकोर्ट से बेली अर्जी खारिज करने के बाद आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया. इस पूरे मामले में सामाजिक कार्यकर्ता परमानंद मेश्राम ने सवाल किए है, जिसमें उन्होंने युवती का अवैध गर्भपात किए जाने के मामले में पुलिस की भूमिका पर आश्चर्य व्यक्त किया है.

    साढ़े तीन महीने बाद हुई गिरफ्तारी

    परमानंद मेश्राम ने बताया कि जब युवती न्याय मांगने के लिए पुलिस के पास में पहुंची. पुलिस ने आरंभ से मामले को गंभीरता से नहीं लिया. इस बीच युवक द्वारा युवती के मोबाइल पर काल कर एवं मैसेज भेज कर धमकाता रहा. साढ़े तीन महीने तक आरोपी खुलेआम घूमता रहा. परमानंद मेश्राम ने कहा कि ऐसे मामले में पुलिस को पीडित पक्ष के साथ खड़ा होकर न्याय दिलाना चाहिए. लेकिन यहां ठीक उल्टा हुआ. पीडित युवती की मां ने अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए महिला आयोग से लेकर उच्च न्यायालय तक चक्कर काटे.

    बहुत बड़ा षड्यंत्र

    पीडित युवती की मां का दावा है कि आरोपी एवं उसके मित्र यह युवतियों को अपने प्यार के जाल में फंसा कर उसका शारीरिक शोषण करते थे. पुलिस अगर ईमानदारी से व्यापक तौर पर जांच करें तो कई पुराने मामले भी सामने आने की संभावना है. क्योंकि यह युवक पहले भी कई लड़कियों को प्यार का लालच देकर उनका शारीरिक शोषण कर चुका है. उल्लेखनीय है कि पीड़िता को कुछ फोन अन्य जिले से आए. जिसमें युवतियों ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि वह भी शर्मनाक हरकत का शिकार हुई है. इसलिए पीड़िता की मां ने पुलिस से गिरोह की जड़ तक जाने की मांग की है.

    अवैध गर्भपात मामले में मौन क्यों ?

    रोहित यह वह अपने भाई के साथ नेटवर्किंग मार्केटिंग में था. अप्रैल 2021 में उसने पीडिता को अपने जाल में फंसाया. शारीरिक शोषण किया. जब वह गर्भवती रही. उसने पीडिता के परिवार को विश्वास दिलाया कि वह पीड़िता के साथ शादी करने वाला है. रोहित यह युवती को अपने घर ले गया. बगैर बिना चिकित्सकीय जानकारी के बावजूद युवती को गर्भपात कराया. जबकि अवैध गर्भपात से युवती की जान को खतरा हो सकता था. लेकिन पुलिस ने अवैध गर्भपात के पहलू की ओर अब तक ध्यान ही नहीं दिया है.

    इसलिए परमानंद मेश्राम ने मांग की है कि अवैध गर्भपात यह गंभीर अपराध होने की वजह से पुलिस को इन कुकृत्यों में साथ देने वालों को सह-अभियुक्त बनाया जाना चाहिए.

    बडी जांच की जरूरत : मेश्राम

    परमानंद मेश्राम ने कहा कि अब तक आरोपी के खिलाफ कुकर्म मामला दर्ज किया गया. लेकिन गर्भपात कराने वालों के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है. एक गर्भपात ने एक निर्दोष आत्मा को मार डाला. इसलिए इस मामले में आरोपी व सह आरोपी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए. आरोपी को भागने में साढ़े तीन महीने की देरी करने वाले जांच अधिकारी पूछताछ करने की जरूरत है.