मुश्किलों को नेशनल हायवे, लाखनी एवं साकोली में धीमा हुआ हायवे, आंदोलन का केंद्र बनेगा माथनी टोलनाका

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    भंडारा. नेशनल हायवे क्र. 6 में भंडारा से लेकर नागपुर के बीच गड्ढों पर असंतोष जताते हुए शनिवार को कुछ संगठनों ने माथनी में जोरदार प्रदर्शन किया एवं अपना गुस्सा उतारा. उन्होने चेतावनी दी कि जब तक हायवे की मरम्मत पूरी नहीं की जाती. टोल नाका प्रशासन को वाहनों से टोल वसूली का कोई अधिकार नहीं है. इस बीच भंडारा में भी हायवे की बदहाली को लेकर नाराजगी बढ़ रही है. शहर कांग्रेस की ओर से इस मामले में आंदोलन की चेतावनी शहर अध्यक्ष प्रशांत देशकर ने दी है. इंटक जिलाध्यक्ष धनराज साठवणे ने भी आंदोलन की चेतावनी दी है.

    झटके सहेंगे पर चुप रहेंगे : जनप्रतिनिधियों की मानसिकता

    ओबीसी नेता संजय मते ने आरोप लगाया कि आम नागरिक से लेकर खास व्यक्ति इस महामार्ग से गुजरता है. राष्ट्रीय महामार्ग क्र. 6 में भंडारा ते नागपुर के बीच गड्ढे एवं उबउखाड पतरों की वजह से वाहनचालकों को परेशानी का सामना करना पड रहा है. वाहनों की गति धीमी हुई है. लगाने वालों झटकों की वजह से लोगों में स्वास्थ्य संबंधी शिकायतें बढ़ी है. वहीं गड्ढों से बचकर निकलने के चक्कर में गाडियों एक दूसरे को टकरा रही है.

    सडक को बेहतर रखने की जिम्मेदारी नेशनल हाईवे के रखरखाव की जिम्मा निभा रहे माथनी टोलनाका प्रशासन की है. लेकिन वह अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहा है एवं नागपुर में बैठे हायवे प्राधिकरण के अधिकारी भी चुप्पी साधे हुए है. हैरानी की बात है कि भंडारा एवं गोंदिया से लेकर छत्तीसगढ़ के जनप्रतिनिधि एवं राजनेता भी इस सड़क का इस्तेमाल करते है. वे भी झडकेभरे हाईवे से गुजरते है लेकिन जिम्मेदार ठेकेदार एवं अधिकारियों को हडकाने की मानसिकता नहीं रखते है.

    हम करेंगे आंदोलन : प्रशांत देशकर

    भंडारा शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रशांत देशकर ने हायवे की बदहाली पर अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि वे इस संबंध में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले को ज्ञापन देंगे एवं हाईवे प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश देने के लिए कहेंगे. ताकि हाईवे की दुर्दशा समाप्त हो.

    टोलनाका में दस्तक देंगे : धनराज साठवणे

    इंटक जिलाध्यक्ष धनराज साठवणे ने कहा कि भंडारा एवं नागपुर घर आंगन की तरह है. भंडारा जिले का व्यापार कारोबार, शिक्षा एवं अन्य गतिविधियों के लिए प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग नागपुर आना जाना करते है. सड़क की बदहाली की वजह से ईंधन की बर्बादी होती है. वाहन के टायर भी खराब होता है. ज्यादा समय लगता है एवं दुर्घटना का खतरा बना रहता है. इसलिए अगले हफ्ते में टोलनाका जाकर आंदोलन की चेतावनी धनराज साठवणे ने दी.

    साकोली में काम की धीमी रफ्तार

    साकोली संवाददाता सुनील जगिया के अनुसार साकोली में नया फ्लायओव्हर का निर्माण हो रहा है. लंबे समय से हो रहे इस काम की वजह से साकोली शहर से ही वाहनों को गुजरने के लिए 10 मिनट से भी ज्यादा का समय लग जाता है.

    मोहघाटा का जंगल में दुर्घटना का अंदेशा

    संरक्षित वन क्षेत्र की वजह से साकोली लाखनी के बीच में मोहघाटा जंगल का ढाई किमी की सड़क आज भी टू लेन ही है. केंद्रीय मंत्री बनने के बाद जब पहली बार साकोली आए थे. उनकी वजह से मोहघाटा वनक्षेत्र से गुजर रहे नेशनल हायवे को डामर नसीब हुआ था. लेकिन इसके बाद केवल गड्ढे भरने का काम हुआ है. वर्तमान में ढाई किमी की सडक में गड्ढे ही गड्ढे ही है. टू लेन रोड होने से गाड़ियों को दायां बांया करना भी संभव नहीं होता है. रात के समय में गड्ढे नहीं दिखने से बहुत परेशानी होती है.

    उड़ान पुल निर्माण पूरा शहर बाधित

    लाखनी संवाददाता शैलेश उरकुडे के अनुसार लाखनी के बीच हाईवे गुजरता है. जिससे दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ी थी. इसके बाद निर्णय लिया गया कि लाखनी में उड़ान पुल बनाया जाएगा. उडानपुल का कार्य प्रगति पर है. लेकिन इस काम वजह से आते जाते वाहनों को वैकल्पिक अस्थायी रोड से गुजरना पडता है. इस वजह से न सिर्फ वाहन चालकों को परेशानी होती है. 24 घंटे आते जाते इन वाहनों की वजह से स्थानीय लोग भी परेशान है.

    क्या अब भंडारावासी भी करेंगे आंदोलन

    शनिवार को सोशल मीडिया में खबर वायरल हुई कि नागपुर परिसर के एक राजनीतिक संगठन ने माथनी टोल नाका जाकर आंदोलन किया. जबकि वास्तविकता यह है कि इस सड़क की सबसे ज्यादा जरूरत भंडारावासियों को है. इसके बावजूद सभी स्तर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी थी. शनिवार को टोल नाका में उमडी तीव्र प्रतिक्रिया के बाद अनुमान है कि अब भंडारा से राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया का सामना माथनी टोलनाका प्रशासन को करना पड सकता है.