गड्ढों का नेशनल हाईवे: दांए बांए के चक्कर में हो रहे है हादसे

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    • भंडारा नागपुर के बीच टाईम भी बढा

    भंडारा: शहरों की आपस की दूरी घटाने के लिए केंद्र सरकार यातायात को सुविधाजनक एवं तेज बनाने के नाम पर आए दिन नई सड़क परियोजना कार्यान्वित कर रही है और अपनी पीठ थपथपा रही है.  लेकिन हकीकत कुछ और ही है. नागपुर से भंडारा इस राष्ट्रीय महामार्ग क्र. 6 की हालत बेहद बदतर हो चुकी है. महामार्ग के रखरखाव में घोर लापरवाही की वजह से वाहनों की गति धीमी हुई है. खस्ताहाल सड़क जानलेवा बन चुकी है.

    वाहन चालकों की आपबीती

    भंडारा निवासी शीतल तिवारी गुरुवार को जरूरी काम से नागपुर जाना था. आम तौर पर कार से सामान्य गति में नागपुर के बर्डी से भंडारा तक की दूरी एक घंटे में तय हो जाती है. अगर नागपुर में ट्रैफिक न रहे तो यह राह और भी आसान हो जाती है. लेकिन इन दिनों भंडारा से नागपुर के बीच यह दूरी तय करने के लिए सवा से पौने दो घंटे का समय लग रहा है. वजह नागपुर की ट्रैफिक नहीं है. बल्कि नागपुर से भंडारा तक की खस्ताहाल सड़क है. जो कहने के लिए तो राष्ट्रीय महामार्ग है. लेकिन सड़कें बुरी तरह छलनी हो चुकी है कि इससे बेहतर तो जिला अंतर्गत ग्रामीण सड़कों की स्थिति बेहतर लगती है. भंडारा नागपुर के बीच प्रतिदिन हजारों की संख्या में वाहन गुजरते है गड्ढों से बचने के चक्कर में गाड़ियां आपस में टकराने की घटनाएं बढी है.

    महत्वपूर्ण है नागपुर भंडारा सडक

    राज्य की उपराजधानी को पूर्वी भारत को जोड़ने के लिए भंडारा से गुजरता राष्ट्रीय महामार्ग क्र. 6 महत्वपूर्ण है. एक आंकड़े के अनुसार इस राष्ट्रीय महामार्ग से प्रतिदिन 20 हजार के लगभग वाहन गुजरते है. इससे सडक की महत्व का पता चल सकता है. वहीं जब इतनी बडी संख्या में वाहन गुजरते है नागपुर के माथनी टोल नाका में संकलित होने वाले राजस्व का भी अंदाजा लगाया जा सकता है.

    खराब क्वालिटी का नतीजा : विकास मदनकर

    भाजपा पदाधिकारी विकास मदनकर की माने तो यह हायवे जब से बना है. तभी से सड़क की गुणवत्ता को लेकर सवालिया निशान लगते रहे है. जिस समय सडक बनाई गयी, जल्दबाजी में काम निपटाया गया. यही कारण है कि जब भी ऊपर में डामर की परत बिछाई जाती है. कुछ ही दिनों में परखच्चे उड जाते है. जगह जगह में गड्ढे बन जाते है.

    बरसात का बहाना है : प्रशांत देशकर

    कांग्रेस शहर अध्यक्ष प्रशांत देशकर यह इन दिनों सड़कों की खस्ताहाल को मुद्दा बनाते हुए संघर्ष कर रहे है. उन्होने बताया कि राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण अपनी जिम्मेदारी में विफल रहा है. बरसात की वजह से सड़क में गड्ढे गिरने की बात समझ के परे है. मौसम कोई भी हो, सभी महीने गड्ढे बुझाने का काम जारी रहता है. नागपुर से लेकर भंडारा तक की दूरी में सुविधाजनक सडक कहीं भी नहीं है.

    सडक पुर्ननिर्माण की जरूरत : शीतल तिवारी

    शीतल तिवारी ने बताया कि इस सड़क के पुनर्निर्माण की ही जरूरत है. संभवत: इस सड़क से भारी बोझ को लेकर जाने वाले वाहनों की भार का अंदाजा नहीं लगाया गया था. अनुमान से कहीं ज्यादा वाहनों को बोज सहते सहते सडक खस्ताहाल हो चुकी है. इसलिए इस सड़क के पुनर्निर्माण की ही जरूरत है.

    हो रहे है हादसे

    भंडारा तहसील के मुजबी से नागपुर के लिए फोर लेन सड़क शुरू होती है. फोर लेन सड़क पर वाहनों की भीड़ इतनी रहती है कि व्यस्त समय में गाड़ियों रेंगती हुई नजर आती है. गाडी की गति थोड़ी भी बढाने पर सामने गड्ढा आने की स्थिति में गाड़ी को जरा भी दांए बांए करने के चक्कर में दूसरी गाड़ियों से टकराने का डर बना रहता है.  पुलिस की भी माने तो दांए बांए करने के चक्कर में वाहनों के आपस में टकराने की छोटे हादसे बडी संख्या में है. जिसकी जानकारी दर्ज भी नहीं होती.