भंडारा. राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार की कंपनी कानून के तहत राज्य परिवहन महामंडल की स्थापना न लाभ न घाटा के आधार पर की गई थी. लेकिन अब पहले की तरह की स्थिति न होकर राज्य सरकार एश टी को सरकार में विलीन करने के मुद्दे पर आगे पीछे देख रही है. राज्य सरकार की एस टी विलीनीकरण के मुद्दे पर बरती जा रही नीति को ध्यान में रखते हुए एस टी कर्मचारियों को पूरा लाभ दिया जाए, इस तरह का स्वर अब कर्मचारियों में गूंजने लगा है.
लगभग ढ़ाई माह से जारी राज्य परिवहन महामंडल के कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से आम लोगों की परेशानी बहुत बढ़ गई है. एस टी राज्य सरकार में विलीन करने की मांग को लेकर एस टी कर्मियों की ओर से जारी हड़ताल समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है.
कर्मचारियों की ओर से की जा रही मांग उचित है या अनुचित इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता, ऐसी बात भी हड़ताल कर रहे कर्मचारियों की ओर से उठाया जा रहा है. एस टी कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें भी अन्य विभागों की तरह ही पूरा-पूरा लाभ दिया जाए. सरकार के अन्य विभाग के कर्मचारियों की तरह ही एस टी कर्मचारियों को पूरी सुख- सुविधाएं दी जाएं. इस तरह का स्वर इन दिनों हड़ताल करने वाले एस टी कर्मचारियों के बीच से सुनायी दे रहा है.
अब देखना यह है कि सरकार एस टी के हड़ताली कर्मचारियों के इस मुद्दे कितना समझ पाती है और इस बारे में वह कितनी गंभीर है, इस बारे में एस टी महामंडल के कर्मचारियों को आश्वस्त कर पाती है.