Officer-employees' up-down continues, the government order to stay in the headquarters is being defied

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    तुमसर. सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों के मुख्यालय में ही निवास करते हुए सरकारी कार्य करने के आदेश है. बावजूद तहसील के विभिन्न सरकारी महकमों में कार्यरत अधिकांश अधिकारी और कर्मचारी अपनी सुविधा के अनुसार मनमानी तरीके से कामकाज कर रहे हैं. मुख्यालय में रहने की बजाए वह अपने निवास से ही आना-जाना करते हैं. ऐसे में सरकारी अधिकारियों का दफ्तरों में देरी से पहुंचना और इसके बाद कार्यालयीन समय समाप्त होने के पहले ही घर लौटने की जल्दबाजी में दफ्तरों से निकलना आम बात हो गई है.

    सरकारी योजनाओं से वंचित रहते है लोग

    सरकारी अधिकारी कर्मचारियों के अपडाउन की वजह से तहसील में आम नागरिकों कों शिक्षा,स्वास्थ्य, ग्राम विकास, सरकारी योजनाओं और निजी कार्यों के लिए घंटों ऑफिस में इंतजार करना पड़ता है. साथ ही अधिकारी, कर्मचारियों के अपडाउन करने से सरकारी और आम जनता के कामों में बाधा निर्माण हो रही है.

    उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार की विभिन्न कल्याणकारी और जन कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने के लिए सरकारी कर्मचारी की भूमिका महत्वपूर्ण है, किंतु कई तहसील स्तर के कार्यालय हैं जैसे कि तहसील कार्यालय, पंचायत समिति, भूमि अभिलेख, स्वास्थ्य विभाग, महावितरण, तहसील कृषि अधिकारी, पटवारी कार्यालय, ग्राम विकास अधिकारी, स्कूल, कॉलेज, विभिन्न बैंक आदि. लेकिन यहां पर अधिकांश कर्मचारी और अधिकारी मुख्यालय में आसानी से नहीं मिलते. अपनी सुविधा से अप डाऊन करते हैं. नतीजतन, सरकारी योजनाओं का लाभ ग्रामीण किसानों और आदिवासी लोगों तक नहीं पहुंच पाता है.

    घंटों इंतजार के बाद भी नहीं मिलते अधिकारी

    दफ्तरों में अधिकारी, कर्मचारी नदारद होने से जरूरतमंद लोग सरकारी योजना के लाभ से वंचित हो रहे हैं. तहसील के कार्यालय में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारियों पर विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी है. अप डाऊन के कारण अधिकारियों और कर्मचारियों का आम नागरिकों, किसानों कों अधिकारियों के कार्यालय में घंटों इंतजार करना पड़ता है. तहसील में ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित कार्यालयों की समस्या तो इससे भी अधिक गंभीर है.

    निवासी प्रमाणपत्र जोड़कर किराया वसूली

    सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों को जहां रहते हैं, उसका मकान किराया प्राप्त करने के लिए सरपंच और पुलिस पटेल का प्रमाण पत्र उपयोगी होता है. यह प्रमाणपत्र प्राप्त होने के बाद कर्मचारी अपडाउन करने क लिए आजाद हो जाते हैं. ऐसे में मकान किराये का होने की जानकारी दिखाकर अधिकारी, कर्मचारियों की ओर से मकान का किराया भी प्रशासन और सरकार से वसूल किया जा रहा  है. इसलिए ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों की जांच करने की मांग जोर पकड़ने लगी हैं.

    कार्रवाई करने पर ही आदत होगी ठीक

    तहसील राकाध्यक्ष ठाकचन्द मुंगुसमारे ने कहा कि,सरकारी आदेश को अनदेखी करने वाले अधिकारी एवं कर्मचारियों के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाही नहीं किये जाने से उनके हौसले बुलंद हुए हैं. प्रशासन की ओर से उनके खिलाफ कार्रवाई की गई तो उन्हें सबक मिलेगा.