आनलाइन शिक्षा ने फिर बढ़ाई चिंता, बिना प्रवेशोत्सव के ही शिक्षासत्र हुआ शुरू

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    भंडारा. स्कूल 28 जून से शुरू हो गए हैं. इस वर्ष कोई प्रवेशोत्सव नहीं हुआ है. छात्रों का भी स्वागत नहीं है एवं स्कूल की सजावट भी नहीं, छात्र भी नहीं. आनलाइन शिक्षा का यह दूसरा वर्ष है. शिक्षक हैं और छात्र पहले दिन से ही घर में ऐसी स्थिति में हैं. राज्य भर में स्कूल 15 जून से शुरू हो गए हैं. वही विदर्भ में स्कूल 28 जून से शुरू हुए. कोरोना का प्रकोप भले ही कम हो गया हो, लेकिन इस वर्ष का शैक्षणिक सत्र आनलाइन होगा. इसको लेकर शहर के स्कूलों ने तैयारी कर ली थी. पिछले सत्र के अनुसार इस वर्ष भी आनलाइन शिक्षा दी जाएगी. 

    9 वीं व 10 वीं कक्षा के सभी शिक्षकों को स्कूल बुलाया गया है. अन्य कक्षा शिक्षकों के लिए 50 प्रश की उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है. शिक्षा विभाग के इस आदेश से छात्र घर व शिक्षक विद्यालय में ऐसी स्थिति उत्पन्न होगी. इस बीच, पिछले वर्ष के अनुसार, इस वर्ष भी शहर की गरीब बस्तियां, ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में आनलाइन शिक्षा की समस्या है.

    अभिभावकों की ओर से आनलाइन शिक्षा की सुविधा नहीं होने के कारण छात्रों तक शिक्षा ठीक से नहीं पहुंच पाई. ऐसा लगता है कि इस वर्ष भी कमोबेश यही स्थिति बनी रहेगी.

    अभिभावकों की ओर आनलाइन शिक्षा की सुविधा नहीं होने के कारण छात्रों तक शिक्षा ठीक से नहीं पहुंच पाई. ऐसा लगता है कि इस वर्ष भी कमोबेश यही स्थिति बनी रहेगी. महाराष्ट्र में राज्य शिक्षा, संशोधन एवं प्रशिक्षण परिषद ने 45 दिन का ब्रिज कोर्स तैयार किया है. दूसरी से 10 वीं कक्षा के छात्रों के लिए बनाया गया यह कोर्स पिछले वर्ष के महत्वपूर्ण घटक को सिखाएगा.

    अगले सत्र में विद्यार्थियों को अभ्यास का लिंक दिया जाएगा और उन्हें स्वाध्याय से छूट दी जाएगी. पिछले वर्ष भी ऐसी शिक्षा देने का प्रयास किया गया था, मगर सुविधाओं की कमी के कारण छात्रों की अधिकतम संख्या तक शिक्षा ठीक से नहीं पहुंच पाई. आनलाइन शिक्षा का यही तरीका इस वर्ष भी अपनाया जाएगा. जिससे ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है.