Paddy
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  • क्षेत्र के किसानों को करना पड़ता हैं महीनों इंतजार

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तुमसर. तहसील के धान खरीदी केंद्रों  पर मप्र का माल व्यापारियों के माध्यम से खरीदा जा रहा हैं. व्यापारियों की ओर से अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर मे नदी किनारे के गांव व अन्य किसानों के 7/12 जमा करवाते हैं. केंद्र चालको को खुश कर वह रातोंरात केंद्रों पर माल पंहुचाकर कांटा करवाते हैं. दूसरी ओर क्षेत्र के किसानों द्वारा 1 महीने पूर्व लाए गए धान का कांटा नहीं होने से उनमें असंतोष का वातावरण निर्माण हुआ है.

कम में खरीदकर ज्यादा दामों में बिक्री

इस संदर्भ में चिखला क्षेत्र के राकां पदाधिकारी दिलीप सोनवाने ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से समर्थन मूल्य 1,868 रुपये के साथ ही राज्य सरकार की ओर से प्रति क्विंटल पर 700 रुपये बोनस दिया जा रहा है. व्यापारियों की ओर से मप्र से कम दाम में धान खरीदी कर महाराष्ट्र में लाकर बेचा जाता है. कुछ दिन पूर्व सिहोरा के थानेदार की ओर से मप्र से धान लाकर 4 ट्रकों को रंगेहाथ पकड़ा था.

आधारभूत धान के मूल्यों में एक साथ भारी बढ़ोतरी करने से अनेक धान खरीदी केंद्रों पर व्यापारियों की ओर से धान बेचा जा रहा है. केंद्र चालक द्वारा व्यापारी को अधिक महत्व देते हुए किसानों की ओर अनदेखी की जा रही है. इस कारण किसानों के धान का कांटा होने में काफी समय लग रहा है. 

केंद्र संचालकों के हौसले बुलंद

इस ओर जिला मार्केटिंग अधिकारी द्वारा ध्यान नहीं देने से केंद्र चालकों के हौसले बुलंद हो रहे.  क्षेत्र के किसान बैलगाड़ी, टैक्टर व अन्य साधनों से धान लेकर केंद्र पर पहुंचते है, लेकिन धान का वजन कांटा करने इंतज़ार करना पड़ता है. सोनवाने की ओर से जिला प्रशासन के अधिकारियों से इस ओर तत्काल प्रभाव से ध्यान देकर किसानों को राहत पंहुचाने की मांग की गई है.