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    भंडारा. खरीफ सीजन में धान की कटाई व चुराई शुरू हो गई है. दिवाली से पहले, किसान हल्का धान बेचकर एवं अपना कर्ज चुकाकर दिवाली मनाते हैं. हल्का धान अब बाजार में उपलब्ध है. धान की खरीदी सरकारी जिला मार्केटिंग फेडरेशन एवं आदिवासी विकास निगम के सरकारी धान खरीदी केन्द्र से की जाती है. ताकि किसानों को गारंटी मूल्य से कम दाम न मिले. इसके लिए सांसद प्रफुल पटेल ने सरकार स्तर पर अवगत करने के बाद अब सरकार ने भी हरी झंडी दे दी है.

    इस वर्ष जिला मार्केटिंग फेडरेशन से 107 एवं आदिवासी विकास निगम से 42 ऐसे कुल 149 धान खरीदी केंद्र से 30 अक्टूबर से धान खरीदी को शुरूआत होगी. 

    जिला मार्केटिंग फेडरेशन एवं आदिवासी विकास महामंडल के सरकारी धान खरीदी केंद्र पर किसानों को धान बेचने के लिए आनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया गया है. किसान इन केंद्रों पर धान बेचने के लिए 30 अक्टूबर तक पंजीकरण करा सकते हैं. सरकारी धान केंद्र पर उन्हीं किसानों द्वारा धान की खरीदी की जाएगी जिन्होंने पंजीकरण कराया है. सांसद प्रफुल पटेल ने सरकार स्तर पर जानकारी दी थी कि दिवाली से पहले धान खरीदी केंद्र शुरू कर किसानों को राहत मिलनी चाहिए. इसके बाद 30 अक्टूबर से इन दोनों विभागों के धान खरीदी केंद्र बंद कर दिए जाएंगे. खरीदी केंद्र शुरू करने की मांग पूरी होने पर किसानों को राहत मिलेगी. 

    सेवा सहकारी संस्था को प्रशिक्षण

    सभी 149 सरकारी धान खरीदी केंद्र के सेवा सहकारी संस्था एवं वहां कार्यरत कर्मचारियों को 25 अक्टूबर तक प्रशिक्षण दिया जा रहा है. ताकि सरकारी धान खरीदी केन्द्र पर खरीदी के दौरान किसी प्रकार का भ्रम न हो और किसानों पर इसका कोई प्रभाव न पड़े. इससे खरीदी केंद्र पर धान खरीदी की प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से की जाएगी.

    इस वर्ष दर होगा 1940 रुपये प्रति क्विंटल 

    सरकार ने इस वर्ष धान की गारंटी कीमत तय की है. सामान्य धान 1,940 रुपये प्रति क्विंटल की दर से घोषित किया गया है. इस वजह से इस कीमत से कम दर पर धान की खरीदी नहीं की जा सकती है.