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    गोबरवाही.  विविध कार्यकारी सेवा सहकारी संस्था नाकाडोंगरी द्वारा संचालित समर्थन मूल्य पर धान खरीदी केंद्र में 4 करोड़ 14 लाख ७९ हजार रुपए का धान खरीदी गड़बड़ घोटाला प्रकाश में आया है. गोबरवाही पुलिस ने भंडारा जिला पणन अधिकारी भारतभूषण पाटिल की शिकायत  पर  संस्था के अध्यक्ष अनूप बोरकर के साथ 2 और लोगों को गिरफ्तार किया है. जबकि 9 आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं.

     धान खरीदी के फर्जी दस्तावेज पेश किए

    गोबरवाही पुलिस ने संचालक बड़ीराम पुष्पतोड़े, तिलकराम कापगते, अनिल पुष्पतोड़े, टीकाराम वासनिक, शालिकराम गोपाले, मूलचंद राऊत, प्रमिलाबाई पुष्पतोड़े, रेणुकाबाई गोपाले, संस्था सचिव बी. एस. राहंगडाले, ग्रेडर विजय वाघाडे पर मामला दर्ज किया गया है. शिकायत के अनुसार संस्था संचालकों ने आपसी मिलीभगत कर प्रत्यक्ष धान खरीदी न करते हुए धान खरीदी के फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर मार्केटिंग फेडरेशन और किसानों के साथ धोखाधड़ी की. 

    ऐसे सामने आया घोटाला 

    तुमसर तहसील के नाकाडोंगरी में विविध कार्यकारी सेवा सहकारी संस्था नाकाडोंगरी को चालू सीजन में धान की खरीद की अनुमति दी गई थी. इसके अनुसार संस्था द्वारा नाकाडोंगरी क्षेत्र में धान का उठाव करने की उम्मीद की जा रही थी. लेकिन भंडारा पणन अधिकारी कार्यालय को शिकायतें मिलीं कि संस्था ने बिना धान उठाए ही नकली डीओ लगाकर किसानों को गुमराह किया है. मंगलवार को जब पणन अधिकारी भारतभूषण पाटिल ने जांच की तो उनकी नजर फर्जी डीओ और सात बारा पर पड़ी. पता चला कि संगठन ने 4 करोड़ 31 हजार 457.65 रुपये का घोटाला किया है.

    पिपरा में हुए घोटाले की पुनरावृत्ति

    पिछले वर्ष पिपरा में बाढ़ नहीं आने के बावजूद एक संस्था ने बाढ़ की वजह का खुलासा कर 8 करोड़ रुपये का धान घोटाला किया था.  इसका संज्ञान लेते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार करने के आदेश दिए थे.

    शीघ्र होगी अन्य की गिरफ्तारी

    मार्केटिंग अधिकारी पाटिल की तहरीर पर नाकाडोंगरी में धान खरीदी केंद्र चलाने वाली संस्था के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी. उनमें से तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है और पुलिस बाकी आरोपियों की तलाश कर रही है. जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

    विलास करंगामी (सहायक पुलिस निरीक्षक, गोबरवाही)