Representational Pic
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    भंडारा. धान खरीद घोटाले को दबाने के लिए केंद्र संचालकों की ओर से अपनाई जा रहा पुराने धान का फंडा भी अब निष्प्रभावी हो जाएगा.क्योंकि, इस पुराने धान की रासायनिक जांच की जाएगी.इससे पूरे घोटाले का पर्दाफाश हो जाएगा. इसी बात की जानकारी मिलते ही  केंद्र संचालकों के पैरों तले से जमीन  खिसकने लगी है और जिले में चर्चा है कि इनमें से कई जल्द ही जेल में नजर आएंगे.

    भंडारा जिले के समर्थन मूल्य के धान खरीद केंद्र के संचालकों ने महज छह घंटे में 6 लाख 41 हजार क्विंटल धान की खरीद का रिकॉर्ड बनाया.  इस तरह की खबर सामने आते ही जिले में सनसनी फैल गई.शासन स्तर पर नोटिस मिलने के बाद जांच शुरू की गई.दो सप्ताह पूर्व जिले के 25 समर्थन मूल्य के धान खरीद केंद्रों का निरीक्षण किया गया था. लेकिन इस बार कई केंद्र संचालकों ने होशियार दिखाई. अपने पास का पुराना धान नई खरीद में दिखाकर स्वयं का बचाव करने का प्रयास किया गया.

    उन्होंने जांच के लिए पहुंची टीम को गोडाऊन मे खरीदकर रखा पुराना धान दिखाया.लेकिन यह धान खरीफ के मौसम में खरीदा गया था.साकोली तहसील के बाम्पेवाड़ा और तुमसर तहसील के रूपेरा खरीद केंद्र के गोडाऊन में तो धान ही नहीं था. लेकिन जैसे ही जानकारी मिली कि जांच टीम आ रही हैं. रात के समय धान लाकर डाला गया.जांच टीम की नजरों में भी यह बात आई.अब अगर इस धान की रासायनिक जांच की जाए तो संभावना है कि पूरी सच्चाई सामने आ जाएगी.  निकल जाएगा।  विशेषज्ञ कह रहे हैं कि पुराना धान केमिकल टेस्ट में  टिक  नहीं पाएगा. इसलिए वे खुद से छुटकारा पाने के लिए दौड़ भाग करने में जुटे हुए हैं.

     निरीक्षण दल ने इन केंद्रों की जांच 

    भंडारा तहसील में पहेला, बेलगांव, तुमसर तहसील में रूपेरा, खुटसावरी, लाखांदूर तहसील में सोनी,डोकेसरांडी, लाखनी तहसील में लाखनी पिंपलगांव, राजेगांव, पवनी तहसील में ब्रह्मी, कातुर्ली, साकोली तहसील में सेंदुरवाफा, वलमाजरी, साकोली, जांभली सड़क, एकोडी, रेंगेपार, बांपेवाड़ा, धानोडा, पवनी तहसील में धामनी, सावरला की जांच की गई है. दिलचस्प बात यह है कि जिस केंद्र पर जांच हुई उसी केंद्र पर कार्रवाई नहीं की जाएगी, बल्कि अन्य केंद्रों पर भी कार्रवाई की जाएगी.

     पोर्टल और गोडाऊन में धान का हिसाब नहीं मिला 

    महज छह घंटे में छह लाख 41 हजार क्विंटल धान पोर्टल के माध्यम से खरीदा गया.  लेकिन अब गोदाम में धान और पोर्टल पर खरीदी का मेल नहीं हो रहा है.संभावना है कि पुराने चावल को नया दिखाने का प्रयास भी विफल हो जाएगा.खबर है कि जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में पूरी हकीकत पेश की है.अब मार्केटिंग फेडरेशन के प्रबंधन के आदेश का इंतजार है.