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    • टीकाकरण करना है बहुत जरूरी 

    भंडारा. जिले में इन दिनों कोरोना की तीसरी लहर का व्यापक असर देखा जा रहा है. हर दिन कोरोना पाजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ रही है. लोगों के बीच कुछ ऐसी भी आवाजें सुनाई पड़ रही हैं कि एक बार कोरोना होने पर दोबारा नहीं होता लेकिन जो लोग ऐसा सोच रहे हैं वे भ्रम में जी रहे हैं.

    जो लोग दोनों टीका लगवाया है, उसे भी कोरोना की तीसरी लहर ने जकड़ा है, इसलिए जिन्होंने दो टीके लगवाये हैं, वे इस भ्रम में न रहें वे कैसे भी रहेंगे, कहीं भी जाएंगे कोरोना उनका कुछ भी नहीं बिगाड़ पाएगा, लेकिन सच तो यह है कि जो लोग नियमों का पालन नहीं करेंगे, उन्हें कोरोना धरदबोचेगा. कोरोना ने जिले में एक बार फिर रफ्तार पकड़ी है.

    इस रफ्तार के बीच मरीजों का सही इलाज करना जहां स्वास्थ्य विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है, वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन की ओर से भी लगातार यही प्रयास किया जा रहा है कि कोरोना नियंत्रण मेम रहे, लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं, जो कोरोना से बचाव के तरीकों को अपनाने में आनाकानी कर रहे हैं. कुछ लोग भीड़ में इस तरह से बेफिक्र होकर घूम रहे हैं कि जैसे उन्हें कोरोना से कोई खौफ ही न बचा हो. यह भी पता चला है कि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो दूसरी बार कोरोना पाजिटिव पाए गए हैं.

    स्वास्थ्य विभाग को ऐसे लोगों के बारे में पता चला है कि जो दूसरी बार कोरोना पाजिटिव पाए गए हैं. इसलिए जिन्होंने दो टीके लगवा लिए हैं, उन्हें यह नहीं सोचना है कि दो टीके लगवा लिए को अब मुझे कभी कोरोना नहीं होगा. टीके लगाने के बाद भी नियमों का पालन करने वाला ही कोरोना से दूर रहेगा, अन्यथा कोरोना कभी-भी किसी को भी अपनी चपेट में ले सकता है. करतो रहो नियमों का पालन तथा बचे रहे कोरोना से, कुछ इस तरह की सीख स्वास्थ्य विभाग तथा जिला प्रशासन की ओर से दी जा रही हैस इसलिए कोरोना से बचना है तो बचाव के रास्ते पर चलने की नीति को अपनाना ही पड़ेगा.

    जिले में वर्तमान में जितने भी कोरोना के मरीज हैं, उनमें ज्यादातर सौंम्य कोरोना के शिकार हैं, किसी भी मरीज को आईसायू में उपचार नहीं हो रहा है. जिला सामान्य अस्पताल में दाखिल कोरोना के मरीज की हालत धीरे-धीरे ठीक हो रही है. इस बीच भंडारा के निवासी चिकित्साधिकारी डा निखिल डोकरीमारे का कहना है कि कोरोना संक्रमण में वृद्धि भले ही हो रही हो लेकिन इस बार कोरोना की दाहकता ज्यादा नहीं है, लेकिन इसका आशय यह नहीं कि लापरवाही बरती जाए. नियमों के पालन में किसी भी तरह की कोताही खतरनाक साबित हो सकती है.