- आवेदनकर्ताओं का विवरण नहीं दिख रहा
- वेवसाइड पर नहीं मिल रही है पूरी जानकारी
भंडारा. राज्य के अन्य जिलों की तरह भंडारा जिले में भी कोरोना (कोविड-19) महामारी के शिकार लोगों के परिवार को 50-50 हजार रुपए देने की घोषणा राज्य सरकार ने भले ही की हो लेकिन तकनीकी खराबी के कारण बहुत से परिवार को अभी तक सहायता राशि नहीं मिली है.
जिला में कोरोना से 1133 लोगों के मौत होने की पुष्टि जिला प्रशासन की ओऱ से की गई थी, इस आधार पर राज्य सरकार की ओर से कोरोना के मारे गए सभी 1133 लोगों को 50-50 हजार की मदद मिलनी चाहिए, लेकिन अपूर्ण वेवसाइड तथा बहुत से मृत मरीज की आरटीपीसीआर न होने से इन लोगों को सरकारी मदद मिलने के आसार बहुत कम नज़र आ रहे हैं.
कोविड के कारण मारे गए लोगों की आरटीपीसीआर न किए जाने से क्या नुकसान हुआ, इसका पता अब जाकर चल रहा है. मदद मांगने के लिए आने वाले लोगों से जब उनके परिवार से मृत व्यक्ति की आरटीपीसीओर रिपोर्ट मांगी गई तो कई रिपोर्ट में मौत का कारण कोरोना है, इस बात का कहीं भी उल्लेख नहीं किया गया है.
मदद के लिए जिन लोगों ने आवेदन किया है, उसमें आवेदनकर्ता का सिर्फ आईएमआर कोट ही दिखायी देता है. लेकिन आवेदन किसने किया इसके बारे में कोई जानकारी आवेदन में नहीं दी गई है. इस वजह से यह पता लगाना मुश्किल है कि मृतक का परिजन वास्तविक रूप से कौन है. एक व्यक्ति के लिए कितने लोग आवेदन किया है, इसकी पड़ताल करना भी मुश्किल हो रहा है. वारिसदार के रुप किसे मदद दी जाए यह जानना भी आसान बात नहीं है.
मदद के लिए आवेदन मंजूर करने वाला व्यक्ति कौन है, उसने कौन-कौन से कागजात जमा किए. इसकी छानबीन करना भी कम महत्वपूर्ण नहीं है. अभी तक मदद के लिए आवेदन करने वालें में से सिर्फ 59 आवेदन को ही वैध पाया गया है. इस तरह देखा जाए तो पता चलेगा कि कोरोना काल में मारे गए कोरोना मरीजों में से बहुत से मरीजों के परिजनों को अभी तक मदद के रूप में कुछ भी दिया गया है. वेवसाइट की गड़बड़ी तथा तकनीकी खराबी कोविड से मारे गए मरीजों की परेशानियां को बढ़ाने में कारगर साबित हुई हैं.