बारिश गायब, फिर मुसीबत में किसान, फसल के लिए बावनथडी जलाशय का पानी छोडे

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    • धान की फसल अब धीरे-धीरे सूखने की कगार पर

    सालई खुर्द:  इस वर्ष हुए बरसात से बावनथडी प्रकल्प भरा हुआ है. इस जलाशय में जलभराव पर्याप्त है. इसका लाभ महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के किसानों के सिंचित भूमि के लिए लाभदायक साबित होता है. महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के सीमा पर बना आंतरराष्ट्रीय बावनथडी बांध किसानों के लिए फायदेमंद बना है. किसानों का कहना है कि नहरों में पानी जल्द नहीं छोड़ने के कारण धान की बुआई व रोपाई नहीं हो पा रही है. पानी की मांग को लेकर किसान काफी चिंतित है. उक्त समस्या को देखते हुए किसानोंने जल्द ही नहरों में पानी छोड़े जाने का विज्ञापन बावनथड़ी कार्यालय में सौंपा हैं.

    मोहाड़ी तहसील के सालई खुर्द, सिहरी, टांगा, उसर्रा, काटेबाम्हनी और पालडोंगरी के किसानों ने धान की फसल की रोपाई करने के लिए तथा अधिकतम किसानों की रोपाई सूखने की कगार पर है ऐसे किसानों ने जल्द से जल्द जलाशय का पानी दिए जाने की मांग की है. क्षेत्र में करीब बावनथड़ी जलाशय से सिंचित क्षेत्र में ज्यादा धान की फसल लगाई गई हैं. लेकिन पानी के अभाव से लगी धान की फसल अब धीरे-धीरे सूखने लगी है. स्थिति यह है कि खेती में दरारें भी पड़ गई हैं. ऐसा इसलिए हो रहा है की सुरुवात में झमाझम बारिश हुई लेकिन पिछले सप्ताह से बारिश ने मुंह मोड़ लिया हो. ऐसे स्थिति में जलाशय का पानी छोड़कर किसानों को संकट से बाहर निकालने की मांग किसान परिवार कर रहे है. जल्द ही यदि पानी नहीं मिला तो किसानों का काफी नुकसान हो जाएगा.

    किसान इस इस बात से चिंतित है कि यदि अच्छी बारिश नही आयी या जलाशय का पाणी जल्द नही छोड़ा गया और देरी हुई तो फसल प्रभावित होगी और फसल पर असर पड़ेगा. पहले बारिश ज्यादा होने से बुवाई करते ही धान की नर्सरी खराब हुई फिर कर्ज लेकर दोबारा बुवाई की ऐसे में गायब हुए बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. जिन किसानों ने जुलाई के पहले में बुवाई कर दी थी. उनकी फसल सूख रही है. जिन किसानों ने अब तक बुवाई नहीं की है वे भी चिंतित है. इनका कहना है कि यदि बावनथडी जलाशय का पाणी नही छोडा गया तो बुवाई का समय नहीं मिला तो उनके खेत खाली रह जाएंगे.