प्रदूषित वातावरण के कारण घटा तुअर का उत्पादन

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    भंडारा. खरीफ के मौसम में धान के खेतों में तूर भी बोया जाता है. लेकिन इस वर्ष प्रदूषित वातावरण ने तुअर की फसल को पूरी तरह से प्रभावित किया है. इससे तूअर का उत्पादन घटने की संभावना है.

    पिछले वर्ष से अन्य फसलों के साथ-साथ तुअर की फसल भी विभिन्न बीमारियों से प्रभावित हुई है. इस वजह से उत्पादन घट रहा है. इस वर्ष हरी दिखने वाली तूअर की फसल फलती-फूलती नजर आ रही है. अनुमान है कि इस वर्ष तूअर के उत्पादन में कमी आएगी. 

    कृषि विभाग की ओर से उचित मार्गदर्शन नहीं मिलने से तुअर की फसल लगभग चौपट हो गई है. आगे जाकर अगर किसान को खेती करनी है तो बदलते मौसम में अगर किसान को पकने वाले बीज नहीं मिले तो किसान के लिए किसी भी फसल की खेती करना मुश्किल हो जाएगा.

    इसलिए किसान संगठन की मांग है कि जब तक किसानों को तकनीक की पसंद की आजादी नहीं मिल जाती तब तक भारतीय किसान बदलते मौसम में जीवित नहीं रहेगा, इसके लिए किसान को दुनिया में नई तकनीक को संशोधित करना शुरू करना होगा.