
भंडारा (का). कोरोना महामारी के काल में राज्य की गरीब परिवार के मरीजों का नि:शुल्क तथा आधे खर्च में इलाज करके उन्हें राहत देने के बारे में राज्य सरकार की ओर से निर्देशित किए जाने के बावजूद अनेक निजी धर्मदाय अस्पताल गरीब परिवार के किसी सदस्य को अपने यहां भर्ती नहीं करते हैं.
ज्यादा के ज्यादा चिकित्सा खर्च अस्पताल प्रशासन की ओर से वसूले जाने के बारे में विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा है नियमों का उल्लंघन करने वाले तथा गरीब लोगों के स्वास्थ्य उपचार के लिए महात्मा फुले जन स्वास्थ्य योजना को और अच्छी तरह से अमल में लाया जाए. उक्त प्रतिपादन विधानभवन में आयोजित समीक्षा बैठक में विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने कही. पटोले ने इस दौरान कहा कि इस संदर्भ में सुस्पष्ट रिपोर्ट, विधि तथा न्याय विभाग तथा धर्मदाय आयुक्त शीघ्र ही प्रस्तुत करें.
विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि इस संदर्भ में आगामी नागपुर में होने वाले शीतकालीन अधिवशन में इस योजना को और प्रभावशाली बनाने के लिए नियमों में जरूरी बदलाव और सुधार करने संबंधी निर्देश दिए.
विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले की अध्यक्षता में विधानभवन में आयोजित समीक्षा बैठक 28 सितंबर, 2020 को हुई. इस बैठक में विधानसभा अध्यक्ष ने जानकारी दी कि इस योजना के तहत 85000 से कम वार्षिक आय वाले गरीब परिवारों तथा 1.60 लाख से कम वार्षिक आय होगी, ऐसे समाज के दुर्बल वर्ग के लोगों का इलाज कराया जाएगा.
इस वर्ग के लोगों को इलाज करना निजी धर्मदाय असपताल के लिए अनिवार्य होगा. बैठक में विधानसभा अध्यक्ष ने खुले तौर पर कहा कि इस प्रवर्ग के लोगों को कई बार अस्पताल में भर्ती ही नहीं किया जाएगा. पोटोले ने कहा कि जिन लोगों को खिलाफ गरीब परिवार के किसी मरीज के उपचार के लिए भर्ती नहीं कराया जाएगा, तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. बैठक में ये भी निर्देश दिए गए कि जो लोग मरीज से ज्यादा कमाई केरेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.
समीक्षा बैठक में धर्मदाय आयुक्त आर.एन.जोशी, महात्मा फुले जन स्वास्थ्य योजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ सुधाकर शिंदे, विधि तथा न्याय विभाग के सहायक सचिव नि.वि. जीवणे, सहायक धर्मदाय आयुक्त मो. द. गाडे, वृहन् मुंबई महानगरपालिका उपायुक्त (सार्वजनिक स्वास्थ्य) देविदास क्षीरसागर, महाराष्ट्र विधान मंडल सचिवालय के उप सचिव मेधना तलेकर, अपर सचिव सायली कांबली तथा पूनम ढगे आदि उपस्थित थे.