भंडारा. कोरोना लॉकडाउन के कारण दूकान बंद होने से कई छोटे व्यवसायी इस चिंता में पड़े हैं कि दूकान का किराया कैसे दें, नोकरों का वेतन, घर कैसे चलाएं. अगर दूकान को खोला गया तो जुर्माना लगेगा. ऐसी स्थिति में सलून व्यवसायियों के साथ अन्य लघू व्यवसायियों की हालत खराब है. व्यवसाइयों के सब्र का बांध अब टूटता जा रहा है. इसी चिंता में पड़े एक सलून व्यवसायी ने अपने ऊपर पेट्रोल डालकर आत्मदहन का प्रयास किया.
3 माह से लॉकडाउन
सरकार ने 23 मार्च से लॉकडाउन घोषित किया है. लगभग 3 महीने बित चुके हैं. शुरूआत में घर में होनेवाले पैसों से कुछ दिनों तक घर चलाया गया, किंतु अब पैसे समाप्त हो गए. कोई उधार देने के लिए भी तैयार नहीं है. ऐसे में सरकार ने कुछ व्यवसायियों को नियम एवं शर्तों के साथ दूकान खोलने की मंजूरी दी, लेकिन सलून तथा पानठेला एवं चाय टपरी पर अब भी प्रतिबंध है.
बुधवार को खोली दूकान
3 महीनों से आर्थिक चिंता में डूबे भंडारा के प्रमोद केसलकर ने बड़ी हिम्मत के साथ अपना सलून बुधवार को खोला था. इस दुकान में दिनभर ग्राहकों की भीड़ नहीं थी. ऐसे में शाम होते ही नप की टीम आ पहुंची एवं सवाल पूछने लगी. उस पर 5 हजार रुपए जुर्माना लगाने को कहा गया. जिससे प्रमोद चिंता में पड़ गया कि पहले ही घर में खाने को कुछ नहीं ऐसे में 5 हजार रू. जुर्माना कहां से भरे.
सरकार करे मदद
प्रमोद जैसी स्थिति सभी व्यवसायिकों की है. कई व्यवसायी अब मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं. कई लोगों के सब्र का बांध अब टूटता जा रहा है. ऐसे में प्रशासन ने एक तो ऐसे व्यवसायियों को कुछ शर्तों एवं नियम के आधार पर व्यवसाय शुरू करने की मंजूरी देनी चाहिए या प्रतिमाह परिवार का जीवनयापन कर सके इतने पैसे देने चाहिए.
दर्ज हुआ मामला
आर्थिक चिंता में आत्महत्या का कदम उठाने के प्रयास में राजीव गांधी चौक के सलून व्यवसायी रवींद्रनाथ टैगोर वार्ड निवासी प्रमोद केसलकर (35) के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है. उसने नप. की टीम के सामने ही एक बोतल से अपने ऊपर पेट्रोल डालकर आत्मदहन का प्रयास किया था. इस मामले में नप के अधिकारी खुशाल कलंबे ने शिकायत दर्ज की है.