Sanitizer Machine

  • इंजीनियरिंग छात्र का सराहनीय प्रयास

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वरठी. वैश्विक महामारी के दौरान उत्पन्न हुई स्थिति के कारण हुई आर्थिक तंगी में भी बेकार वस्तुओं से उपयोगी वस्तुएं बनाकर उसका जनहित में उपयोग करने का सराहनीय प्रयास इंजीनियरिंग के छात्र ने किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान को साकार कर मोहाड़ी तहसील के सातोना गांव के सुबोध गजभिये नामक विद्यार्थी ने बेकार वस्तुओं का उपयोग कर सिर्फ 800 रूपए में स्पर्श न करते हुए प्रयोग में लायी जाने वाली सैनिटाइजर मशीन बनायी है.

अन्य से रहता खतरा
पिछले तीन माह से पूरा विश्व कोरोना महामारी की चपेट में है. एक दूसरे का स्पर्श किए बगैर इस सैनेटाइजर मशीन को प्रयोग में लाने की अपील मशीन बनाने वाले छात्र ने की है. सार्वजनिक स्थलों तथा कार्यालयों में सैनिटाइजर मशीन का उपयोग करने पर एक दूसरे का स्पर्श मशीन से होता है, इससे कोरोना फैलने का अंदेशा रहता है. ऐसे में ऐसी मशीन ज्यादा अच्छी है, जिसको स्पर्श किए बगैर सैनिटाइजर हाथ में आ जाए. इसी बात को ध्यान में रखते हुए सुबोध ने उक्त मशीन बनाने का निर्णय लिया. 

सुबोध वरठी के निकट स्थित सातोना गांव का रहने वाला है. सुबोध गजभिये के पिता निजी पंतसंस्था में नौकरी करते हैं. वह नागपुर के इंजीनियरिंग कालेज में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के अंतिम वर्ष का विद्यार्थी है. लॉकडाउन के काऱण कॉलेज बंद होने से वह अपने गांव में है. उसने लॉकडाउन के समय का सदुपयोग कर घर में रखी हुई बेकार वस्तुओं को उपयोग में लाकर सैनेटाइजर मशीन बनायी है. 

पुलिस को दी उपहार में
सुबोध ने जो मशीन बनायी है, वैसी मशीन बाजार में उपलब्ध है, लेकिन उसकी कीमत बहुत ज्यादा है. इस मशीन को कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे पुलिस विभाग को उपहार स्वरूप प्रदान किया है. सुबोध ने जो मशीन बनायी है, उसकी सर्वत्र प्रशंसा की जा रही है.