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  • लॉकडाउन में डाक सेवकों का अहम योगदान

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भंडारा. कोरोना लाकडाउन के दौरान आम नागरिकों के लिए आर्थिक रूप से व्यवहार करना मुश्किल हो गया. बैंक में पैसा होने के बावजूद वह इसे वापस नहीं ले पा रहे थे. ऐसे समय में पोस्टबैंक ने आम लोगों की मदद की. जिले के 22 हजार नागरिकों ने इसका लाभ उठाया. लगभग 200 डाक कर्मियों ने इस दौरान 7 करोड़ 50 लाख रुपए का भुगतान घर तक पहुंचाया.

महत्वपूर्ण भूमिका

‘पोस्टबैंक आपल्या दारी’ यह पहल जिले भर में भारतीय डाक भुगतान बैंक द्वारा चलाई गई. नागरिक भी इसे पसंद कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें घर बैठे पैसे मिलते हैं. इसके कारण पोस्ट बैंक के प्रति नागरिकों का आकर्षण बढ़ा है. जिले के शहरी डाकघर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के डाक कर्मचारी नागरिकों को राष्ट्रीयकृत बैंक की राशि निकालने के लिए पोस्ट बैंक में अपील कर रहे हैं. बायोमीट्रिक फिंगरप्रिंटिंग एवं संबंधित नागरिकों को पैसे देने का काम इस माध्यम से किया जाता है. 23 मार्च से 10 जून तक नागरिकों को घर बैठे बैंक खाते की राशि निकालने से बहुत राहत मिली है. इसके साथ ही रक्षाबंधन के दौरान, राखी को घर तक पहुंचाने का काम भी डाक के माध्यम से किया जाता था. गरीबों को अनाज के वितरण ने भी लाकडाउन में पोस्ट ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 

त्योहारों में डाकिया की अहम भूमिका

इस वर्ष कोरोना संकट से बहनों का भाई के घर रक्षाबंधन में पहुंचना मुश्किल था. ऐसे में अपने भाई को राखी कैसे बांधे. इसमें डाक विभाग अहम जिम्मेदारी निभाई. लाकडाउन के कार्यकाल के दौरान राखी को डाक के माध्यम से समय पर वितरित किया गया. डाक ने रक्षाबंधन के कार्यकाल के दौरान आने वाले रविवार को विशेष रूप से डाकघर को खुला रखकर भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को बनाए रखने में मदद की. 

छात्रवृत्ति खाता खोला 

सरकार ने पोस्ट खाते से छात्रवृत्ति का पैसा छात्रों को हस्तांतरित करने का निर्णय लिया है. इसके लिए जिले के 2600 छात्रों ने पोस्ट में खाता खोला है.