एसटी प्रशासन हुआ सख्त; एक ही दिन में 60 को किया निलंबन, नहीं दौड़ी साकोली भंडारा बस

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    भंडारा. एसटी महामंडल के कर्मचारियों ने राज्यव्यापी हडताल शुरू की है. जिसकी वजह से एसटी बस निकल नहीं पा रही है. भंडारा जिले में केवल साकोली डिपो में ही 6 ड्रायव्हर कंडक्टर हडताल से बाहर है. उनकी बदौलत अब तक दो बार साकोली से भंडारा एवं वापस बस सेवा देने में एसटी को सफलता मिली है.

    शुक्रवार को बस भंडारा पहुंची थी. लेकिन शनिवार को बस नहीं दौडाई जा सकी. इस बीच एसटी प्रशासन ने आंदोलनकारियों के खिलाफ कडा रूख अपनाते हुए पिछले दिनों में 92 को निलंबित करने के बाद शनिवार को एक ही दिन में 60 के लगभग कर्मचारियों का निलंबन कर दिया. समाचार लिखे जाने के समय निलंबन की कार्रवाई जारी थी.

    एक ही दिन में 60 का निलंबन

    हडताल में शामिल कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए विभागीय प्रशासन ने शुक्रवार तक कुल 92 कर्मचारियों को निलंबित किया था. शनिवार को इसमें तेजी लाते हुए एक ही दिन में 60 के लगभग कर्मचारियों को निलंबित किया गया. एसी मैकेनिकल विभाग में मैकेनिकल इंजीनियर महेंद्र नेवारे ने बताया कि हड़ताली कर्मचारियों पर कार्रवाई जारी है.

    नहीं आयी बस

    शुक्रवार को साकोली डिपो की बस यात्रियों को लेकर भंडारा पहुंची थी. साकोली डिपो मैनेजर गौतम शेंडे ने बताया कि जो कर्मचारी हडताल के बाहर है, उनके सहयोग से बस सेवा आरंभ की गयी थी. लेकिन शनिवार को किन्ही कारणों से यह संभव नहीं हुआ.

    सुने रहे बस स्टाप

    भंडारा जिले का प्रमुख बस स्टाप में किसी भी समय सैकड़ों यात्री रहते थे. हडताल के बाद यह बस अड्डा लगभग सूना रह गया है. जिस प्रवेश मार्ग से एसटी बसें भीतर जाती थी. शिवशाही के नागपुर प्लेटफार्म से सटकर प्राइवेट बसें खडी की जाती है एवं उन्हें भरा जाता है. बसें इस तरह खडी की जाती है जिससे प्रवेश मार्ग ही बंद हो जाता है.

    जारी है दबंगई

    अब जब एसटी बसों की हडताल को कोई समाधान नहीं निकल पाया है. प्राइवेट बस संचालकों के लिए अच्छी सेवा देकर लोगों को आकर्षित करने का अच्छा मौका साबित हो सकता है. लेकिन अभी नहीं तो कभी नहीं के तर्ज पर प्राइवेट बस संचालक अपनी मनमानी पर उतर आए है. लंबे इंतजार के बाद बसें छोडना, मनमाना किराया वसूलने, टिकट नहीं देने  एवं यात्रियों के चिल्ला कर बात करना जैसे अनुभवों का सामना करते हुए यात्रियों को अपना सफर पूरा करना पड रहा है.