भंडारा. एसटी कर्मियों के आंदोलन के बाद शहर के अतिव्यस्तम मार्गो की आवाजाही बढ गयी है. नो पार्किग जोन पर यात्री काली पीली वाहन एवं निजी बसों का डेरा लगा रहता है. आवागमन में बाधा निर्माण होने से खतरा बढा हुआ है. वहीं यात्रियों से मनचाहा किराया वसुला जा रहा है. यातायात विभाग की अनदेखी एवं निष्क्रीयता से इन दिनों सडकों पर भारी परेशानियां उठानी पड रही है. इस बात से अवगत विभाग कार्रवाई करने कोताई बरतता दिखायी दे रहा है.
बहरहाल रास्तों का सफर इन दिनों खतरनाक साबित हो रहा है. मार्गो के नो पार्किंग जोन पर खडे वाहन एवं निजी यात्री बसों को हटवाने एवं यातायात समस्या सुलझाने की मांग नागरिकों ने की है.
यात्री एवं विदयार्थी करते है निजी वाहनों से सफर
उल्लेखनीय है कि पिछले 31 अक्टूबर से एसटी को शासन में विलीनीकरण करने के लिए एसटी कर्मियों द्वारा आंदोलन किया जा रहा है. आंदोलन भंडारा एसटी डिपो के मुख्य गेट के सामने चल रहा है. आंदोलन से अनेक मार्गो की बसों के पहिये थमने से एसटी सेवा ठप हो चुकी है. जिससे यात्री एवं स्कूली विदयार्थियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. जिन ग्रामीण क्षेत्रों में एसटी की सेवा ठप हो चुकी है उन ग्रामों के यात्री एवं विदयार्थी निजी वाहनों से सफर करते हुए दिखायी दे रहे है. इस मौके का फायदा यात्री वाहन एवं निजी बसों के चालकों द्वारा उठाया जा रहा है.
यात्रियों से वसूल रहे अधिक किराया
बताया जाता है कि एसटी बसों की टिकट दरों से अधिक किराया वाहन चालकों द्वारा वसुला जाता है. फिलहाल वाहन चालक भी मौका गंवाना नहीं चाहते. इसी के चलते शहर के मुख्य मार्गो पर यात्री वाहन एवं निजी बसों का डेरा लगा रहता है. जिसमें भंडारा बसस्थानक से तहसील कार्यालय तक मार्ग के नो पार्कींग जोन पर तीन पहिया, चार पहिया, काली पिली, निजी बसों का खडा रहना आम चुका है.
इन खडे वाहनों के दयनीय अवस्था से अवगत यातायात विभाग कार्रवाई के प्रति गंभीर नहीं है. जिसके चलते इन दिनों वाहन चालक मनमानी करते हुए नजर आ रहे है. मार्गो के नो पार्किंग जोन से वाहनों का हटवाने एवं मार्गो को सुचारू करने की मांग नागरिकों ने की है.
एसटी बस स्टैंड के परिसर में वाहन खड़ा रखने की इजाजत नहीं
अब तक प्राइवेट वाहनचालकों को एसटी बस स्टैंड के परिसर में वाहन खड़ा रखने की इजाजत नहीं है. लेकिन आंदोलन के पश्चात से ही यह चिंताजनक दृश्य दिखाई दे रहा है. जहां बस स्टैंड प्रवेश में ही प्राइवेट वाहन चालक अपनी दबंगई एवं रौब दिखाते हुए बसों को भर रहे है.
सुरक्षा का खतरा
नाम नहीं छापने के शर्त पर एक यात्री ने बताया कि क्या करें साहब एसटी का आंदोलन शुरू है. एवं जरूरी काम होने की वजह से मजबुरन जान हथेली पर रखकर निजी वाहनों का सहारा लेकर यात्रा करना पड रहा है.
हजारों यात्री निजी वाहनों के भरोसे सडक पर यात्रा कर रहे है. हाईवे पर कई ऐसे वाहन भी आए है जो कभी जिले में नहीं चले है. ऐसे वाहनों से असुरक्षित यात्रा का खतरा बना हुआ है. यात्री हडताल खत्म होने की प्रतिक्षा कर रहे है.
प्राइवेट वालों ने जमाया कब्जा
नाम नहीं छापने के शर्त पर एक निजी वाहन चालक ने बताया कि एसटी का आंदोलन शुरू है. एवं कोरोना संक्रमण की वजह से इसके पहले ही व्यवसाय पर भुकमरी की नौबत आ गयी थी. ओर अभी मौका मिला है तो इसका फायदा तो लेना ही है.