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    • जब बिलख पड़े कर्मचारियों के आंसू  

    भंडारा. एस टी के हड़ताली कर्मचारियों ने अब यह ठान लिया है कि जब तक विलीनीकरण नहीं होगा, तब तक हड़ताल जारी रहेगी. जब तक मांग नहीं मानी जएगी लालपरी के चक्के जारी रहेंगे. भंडारा डिपो के सामने अनशन कर रहे एस टी चालक-वाहक यांत्रिकी विभाग के कर्मचारियों ने सरकार से टकराने की मंशा बना ली है. एस. टी. महामंडल का राज्य सरकार में विलीनीकरण के बगैर एस टी को न चलने देने का निर्णय यह बरा रहा है कि हड़ताल जल्दी नहीं समाप्त होगी.

    सरकार तथा एस टी महामंडल के कर्मचारियों के बीच जारी जंग कहां जाकर समाप्त होगी इसके बारे में कुछ भी कह पाना मुश्किल है. परिवहन मंत्री अनिल परब के साथ चर्चा में राज्य सरकार के कर्मचारियों की तरह घर भाड़े में एक प्रतिशत की वृद्धि करने के साथ-साथ महंगाई भत्ते में 28 प्रतिशत की वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है.

    सरकार के इस निर्णय पर असंतोष व्यक्त करते हुए एस टी महामंडल के कर्मचारियों ने अपना आंदोलन जारी रखा है. भंडारा डिपो के सामने जो लोग अनशन कर रहे हैं, उनमें प्रशांत लेंडारे, विजय बांगर, अरविंद शहारे, देवचंद वासनिक, राधेश्याम खड़से, अनिल मेहर, राजकुमार वडेट्टीवार, लोकेश घोटे, संजय शिंदे आदि का समावेश है. 

    अनशन पर बैठे चालक-वाहक अपनी-अपनी व्यथा सुनायी और सरकार की बेरूखी की कहानी सुनाई. महामंडल की ओर से अभी तक का करार समय पर पूरा न किए जाने के कारण बहुत से कर्मचारियों का लाखों रूपए का नुकसान हुआ है.

    कर्मचारियों का कहना है कि अगर एकता बनी रही तो विलीनीकरण का लक्ष्य पूरा हो जाएगा और जिस तरह से आंदोलन के 21 दिनों तक एकता दिखी है, उसी तरह से आंदोलन समाप्त होने तक सभी एक साथ दिखायी देंगे. अनशन करने वालों का कहना है कि उनकी आंदोलन में फूट डालने वालों पर भी  दृष्टि बनी हुई है और जो भी इस आंदोलन में फूट डालने की कोशिश करेगा, उसका करारा जबाव दिया जाएगा.