भंडारा. शहर से सटे खोकरला गांव में जल संकट खड़ा हो गया है. पिछले दो-तीन साल से जलापूर्ति योजना बंद है एवं गहरे जलस्तर के कारण कुएं व हैंडपंप बंद हैं. इसलिए, नागरिकों के लिए टैंकर के पानी का उपयोग करने का समय आ गया है. गांव के परिसर में बसती जा रही नई कॉलोनी में ग्रापं द्वारा जलापूर्ति की कोई सुविधा नहीं है. कोई सार्वजनिक हैंडपंप या कुएं नहीं बनाए गए हैं. इसके बावजूद ग्राम पंचायत पानी पट्टी मांग रही है. जिससे ग्राम पंचायत का कुप्रबंधन चर्चा का विषय बन गया है.
एक साल बंद है योजना
भंडारा शहर से सटे इस खोकरला गांव में नई कालोनियां बन रही हैं. नतीजतन, सुसज्जित घरों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. खोकरला गांव की पानी की मांग को देखते हुए जलापूर्ति के लिए सूर नदी पर एक योजना लागू की गई. करीब 5 साल पहले शुरू हुई यह योजना बार-बार रिसाव या अन्य तकनीकी कारणों से पाइपलाइन में तीन साल से समय समय पर खराबी आती रही है. जबकि विगत एक साल से सुचारू रूप से नहीं चल रही है.
सूखते जा रहे है बोरवेल
नई कॉलोनी होने के कारण हर घर में बोरवेल एवं कुएं बनवाए गए हैं. बढ़ते जल दोहन की वजह से भूजल का स्तर एवं गहरा हो गया है. इसके चलते कई घरों के कुएं सूख गए हैं. दूसरी ओर जलापूर्ति योजना की पाइप लाइन बंद होने के कारण घर में नल होने के बावजूद नागरिकों के लिए पानी के लिए रोने का समय आ गया है.
टैंकर की मजबूरी
कुछ क्षेत्रों में ग्राम पंचायत सदस्यों के सहयोग से टैंकर से पानी की आपूर्ति की जा रही है. लेकिन इसमें भी कोई नियमितता नहीं है. इसके चलते खोकरला वासियों को रोजाना पानी पीने के लिए भटकना पड़ रहा है. नई कॉलोनियों में सुविधाएं नहीं हैं. इसके बावजूद पानीपट्टी के लिए अतिरिक्त भुगतान करना पड रहा है.
भंडारा शहर में शामिल करें: लोगों की मांग
स्थानीय लोगों को सुविधाएं उपलब्ध कराने में खोकरला ग्राम पंचायत प्रशासन यह पूरी तरह से निष्क्रिय हो गया है. यहां सड़क, पानी, बिजली, सीवेज, घन कचरा प्रबंधन की व्यवस्था नहीं है. इस बारे में बताने के लिए नागरिक जब ग्राम पंचायत के पास जाते हैं तो अधिकारी अशोभनीय जवाब देते हैं. स्थानीय लोगों की मांग है कि अगर टैक्स जमा करने के बाद भी सुविधा नहीं मिलने पर खोकरला ग्राम पंचायत बर्खास्त कर भंडारा नगर परिषद में शामिल किया जाए. विशेष रूप से भंडारा नगर परिषद ने खोकरला ग्राम पंचायत को विस्तार के लिए प्रस्ताव भेजा है. लेकिन स्थानीय पदाधिकारियों ने स्वार्थ के चलते इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया.
सुविधाओं का बंटाधार
जनहित की सुविधाएं उपलब्ध कराने में अधिकारी निष्क्रिय हैं खोकरला में नई बस्तियों में ग्राम पंचायत द्वारा नागरिकों को सड़क, नालियां, बिजली, पानी एवं अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जाती हैं. जिससे अब गर्मी में पानी की किल्लत का सामना करना पड़ता है. लेकिन सरपंच एवं पदाधिकारी आंखें मूंद रहे हैं.
तुलजा भवानी मंदिर सडक बदहाल
भंडारा. भंडारा शहर से लगे खोकरला गांव एवं जिले के एकमात्र प्रसिद्ध तुलजा भवानी मंदिर है. इस मंदिर में दर्शन के लिए बड़ी तादाद में भाविक आते है. लेकिन इस मंदिर की ओर जाने वाली सड़क को पूरी तरह से उखड चुकी है. ग्राम पंचायत इस पर एक साधारण मुरुम की परत डालने की आवश्यकता भी महसूस नहीं कर रही है. नागरिकों द्वारा ग्रापं की अकर्मण्यता को लेकर नाराजगी व्यक्त की जा रही है क्योंकि बार-बार निवेदन देने के बावजूद इसे नजरअंदाज किया जा रहा है.