गांधी सागर उद्यान की हालत खस्ता: तत्काल दुरुस्त करने की मांग

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    तुमसर. शहरवासियों के मनोरंजन के लिए करोड़ो रुपयों की लागत से निर्माण किए गए गांधी सागर उद्यान की हालत पूर्णतः खस्ता हो चुकी है. एवं 3 वर्ष से मेन गेट को ताला लटका हुआ दिखाई पड़ता है. इस संदर्भ में नप. प्रशासन द्वारा विशेष तौर पर ध्यान देकर उद्यान की दुरुस्ती कर नागरिको के लिए मनोरंजन का साधन उपलब्ध कराने की मांग की गई है. 

    6 वर्ष पूर्व करोड़ो रुपयो की लागत से निर्माण किए गए गांधी सागर उद्यान की राज्य एवं जिला स्तरीय अधिकारी एवं पदाधिकारीयो द्वारा सराहना की गई थी. इससे नप. का नाम लौकिक भी हुआ था. लेकिन अब नप. की अनदेखी के कारण उद्यान की हालत खस्ता हो चुकी है. वर्तमान में उद्यान की हालत काफी दयनीय हो चुकी है.

    चारो ओर जंगली घासपुस उगा हुआ है. कीमती पेड़ पौधे जमींदोस्त हुए है. चहुंओर गंदगी ही गंदगी नजर आती है. ज्ञात हो कि, 3 वर्ष पूर्व स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा कार्यवाही किये जाने से गांधी उद्यान को ग्रहण लगना शुरु हुआ था. इसमें नप. द्वारा ध्यान नही देने का नतीजा सामने दिखाई देता है.

    उपरोक्त उद्यान के निर्माण कार्य पर शुरुआती दौर से 3 करोड़ से अधिक खर्च हो चुके है. 4 वर्ष पूर्व यह उद्यान शहर वासियों के लिए आकर्षण का केंद्र बिंदु था. यहां बच्चे, वृध्द टहलने एवं मनोरंजन के लिए आते थे. तो कुछ लोग मार्निंग वाक करने के लिए आते थे. स्कूल के बच्चे पिकनिक मनाने आते थे. लेकिन अब इसके हालात काफी खस्ता दिखाई देते है.    

    नप. प्रशासन की लापरवाही से खंडहर बना उद्यान-कारेमोरे

    पूर्व नगराध्यक्ष अभिषेक कारेमोरे ने कहा कि, एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने नागरिकों के मनोरंजन के लिए शहर के गांधी सागर के निर्माण के लिए सीएसआर फंड से 3 करोड़ रुपये प्रदान किए गए थे. लेकिन स्थानीय प्रशासन एवं पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण उद्यान की स्थिति बहुत ही खराब हो गई है. एवं खंडहर बन गया है.

    फिर भी नप प्रशासन व पदाधिकारी कुम्भकर्णी निद्रा में सोए हुए है. यदि 15 दिनों में पार्क की मरम्मत कार्य पूर्ण कर जनता के लिए खोला नही गया तो राका के माध्यम से आंदोलन किए जाने की चेतावनी दी गई है. उन्होंने कहा कि, सरकार के करोड़ों रुपये बर्बाद करने वालो के खिलाफ संविधान की धारा 425, 426 के तहत पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया जाना चाहिए.

    नप. के खिलाफ छेड़ेंगें आंदोलन-थोटे

    शहर रायुकाध्यक्ष सुनील थोटे ने कहा कि, 6 वर्ष पूर्व निर्माण किए गए गांधीसागर उद्यान की तत्कालीन राज्य एवं जिला स्तर के अधिकारी एवं पदाधिकारियों द्वारा सराहना की गईं थी. लेकिन वर्तमान नप प्रशासन एवं पदाधिकारियों की लापरवाही से पार्क की हालत पूरी तरह से खराब हो गई है.

    इस गांधी सागर उद्यान में चारों ओर हरी-भरी वनस्पतियां उग आई हैं, बहुमूल्य वृक्ष भूमिहीन हो गए है. फुटपाथ पर सिर्फ गंदगी ही गंदगी है. पार्क में लगाई गई बाड़ की ग्रिल चोरी हो जाने से भयावह स्थिति पैदा हो गई है. उन्होंने कहा कि, शीघ्रता से गार्डन की मरम्मत नही किये जाने पर न.प. के खिलाफ आंदोलन छेड़ा जाएगा.

    गांधी उद्यान की स्थिति को तत्काल सुधारे-भरनेकर

    सामाजिक न्याय विभाग के अध्यक्ष प्रदीप भरनेकर ने कहा कि, गांधी उद्यान 4 वर्ष पूर्व शहर के नागरिकों के लिए आकर्षण का केंद्र बिंदु था. यहां बच्चे, महिलाएं, युवा व बुजुर्ग सैर-सपाटे व मनोरंजन के लिए आते थे. कुछ लोग मार्निंग वाक के लिए भी आते थे. साथ ही स्कूली बच्चे टहलने आ रहे थे.

    लेकिन अब पार्क की स्थिति दयनीय हो चुकी है. फिर भी नप. प्रशासन द्वारा पार्क की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने तत्काल उद्यान की स्थिति को सुधारकर मनोरंजन का साधन उपलब्ध कराने की मांग की गई है.