डाक्टर की लापरवाही से गयी जान; परिवार का आरोप, राष्ट्रवादी कांग्रेस ने की जांच की मांग

    Loading

    • लू लगने से हुई थी मौत
    • स्वास्थ्य मंत्री टोपे से की शिकायत

    लाखनी. लाखनी निवासी आचल गजभिए (32) की 15 मई को मौत हुई थी. उसे तेज बुखार था. यद्यपि इस मामले   मृतक के परिजन एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि डाक्टर व परिचारिका पर इलाज में लापरवाही की. इस मामले में  स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे से शिकायत की गयी है एवं दोषियों पर निलंबन की मांग की है. उल्लेखनीय है कि इस संबंध में जिला शल्य चिकित्सक डा. रियाज फारूकी को सोमवार 23 मई को ज्ञापन दिया गया था. निवेदन में साफ तौर कहा गया है कि अगर निलंबन नहीं हुआ तो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी  आंदोलन करेगी.

    कैसे हुई थी मौत

    मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री को दिए निवेदन के अनुसार 15 मई की रात्रि 8 बजे आचल चिंतामन गजभिए को 108 डिग्री बुखार था. परिजन उसे लाखनी के ग्रामीण अस्पताल में ले गए. उन्होंने मौजूद डाक्टर एवं नर्स को मरीज आचल गजभिए को इंजेक्शन व सलाईन लगाने को कहा. एक घंटे बाद ही मरीज को छुट्‌टी दी गई एवं घर ले जाने के लिए कहा गया. लेकिन रात्रि  11 बजे आचल की तबीयत बिगड़ी. 

    परिजन उसे ग्रामीण अस्पताल लेकर पहुंचे. लेकिन डाक्टर एवं नर्स अस्पताल में मौजूद नहीं थे. मरीज अस्पताल में आने के लगभग एक घंटे के बाद डाक्टर अस्पताल में पहुंचे. उसी समय बिजली चली गई. 108 डि. से. बुखार होने की बात कहकर मरीज के सिर पर पानी की पट्‌टी रखने की सलाह दी एवं डाक्टर चले गए.

    निवदेन में आरोप लगाया गया है कि इस समय नर्स ने परिजनों के साथ असभ्यता बात की. इसके बाद आनन फानन में मरीज को  भंडारा रेफर किया, लेकिन रेफर स्लिप नहीं दी. 102 के एम्बुलेंस के चालक ने बगैर किराए मिले मरीज को अस्पताल नहीं का हठ किया.  जिससे समय बीतता गया और मरीज की हालत गंभीर हो गयी. रात्रि 2 बजे मरीज को भंडारा जिला अस्पताल में लाया गया. लेकिन दुर्भाग्य से उसे मृत घोषित किया गया.

    शव लाने के लिए भी देने पड़े पैसे

    रात्रि में जब शव को वापिस लाना पडा. उसके लिए एम्बुलन्स चालक ने दो हजार रूपयों की मांगे. लाखनी पहुंचने के बाद पैसे देने का वादा किया.  लेकिन घर आने के दो किमी पहले ही एम्बुलेंस चालक रोके एवं रुपए मांगे. मृतक का शव कंदे पर ले जाने को कहा. रात्रि 3 बजे परिजनों ने रुपए दिए तब जाकर एम्बुलेंस के चालक बारई ने शव घर पहुंचाया. इस पूरे मामले की जांच की मांग मृतक के परिजन एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे को भेजे शिकायत में की है एवं ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक एवं नर्स के निलंबन की मांग की है.

    परिवार को दें मद्द

    इस मामले की जांच कर पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की गई. कार्रवाई नहीं होने पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने   आंदोलन करने की चेतावनी दी है. निवेदन देने गए शिष्टमंडल में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शहर अध्यक्ष धनु व्यास, नगरसेवक सचिन भैसारे, मनोज पोहरकर, राकेश राऊत, भारती गजभिए, मंगेश मेश्राम उपस्थित थे.

    मांगी सफाई

    इस मामले में लाखनी अस्पताल में अधीक्षक डा. बोदलकर ने सफाई दी कि जब मरीज अस्पताल में अपने पैरों पर चलते हुए आया था. उपचार सफल उपचार हुआ एवं तबीयत स्थिर होने के पश्चात छुट्‌टी दी गई. बहरहाल  कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. इसे वरिष्ठों को सौंपा जाएगा एवं निर्देश के अनुसार कार्रवाई होगी. 102 एम्बुलेंस सेवा के मामले में भी वरिष्ठ जांच करेंगे.

    असंवेदनशीलता की हद पार हुई  

    नगरसेवक धनु व्यास ने कहा कि आचल की मृत्यु यह असंवेदनशीलता की परिसीमा है. यह मौत ग्रामीण अस्पताल की अव्यवस्था का परिणाम है. कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन करेंगे.