महंगे हो गए मकान, निर्माण सामग्री के दाम छू रहे आसमान

    Loading

    • कोरोना के बाद महंगाई की मार, लोह सामग्री के दाम दोगुने

    भंडारा: हर कोई चाहता है कि उसका अपना घर हो. हर कोई घर बनाने के लिए संघर्ष कर रहा है. लेकिन अब घर बनाना लोगों को बहुत महंगा पड रहा है. निर्माण सामग्री हे दाम आसमान को छू रहे है साथ ही लोह सामग्री हे दाम दोगुना हो गए है. दो साल तक कोरोना कि वजह से ओर अब महंगाई के बढने से बिल्डरो को मुश्किल मे डाल दिया है.

    निर्माण की लागत का लगभग 40 प्रश. खर्चा लोहे कि छड और सिमेंट की खरीदारी में लगता है. लेकिन कुछ सालो से लोहे, सिमेंट और अन्य सामग्रीयो की किमतों में लगातार वुद्धी हो रही है. एक साल पहले लोहे की छडो की किमत 42,000 रूपये प्रति टन थी लेकिन अब यह बढकर 84,000 रूपये हो गई है. 260 की सिमेंट की बोरी का दाम अब 400 रूपये हो गया है. ईटों की किमत भी 8,000 रूपये हो गई है. बिजली के तार, फिटिंग, टाइल्स, पाईप, सॅनिटरी वेअर, फॅब्रिकेशन और सबसे महत्वपूर्ण मजदूरी में भी भारी वृद्धी हुई है.

    निर्माण सामग्री में हुई वुद्धी प्राकुतिक या संग्रहण से यह शोध का विषय है. लेकिन आम आदमी के लिए घर बनाने में समस्या है कि शहर में कई डेवलपर्स अपनी अपनी योजनाए लेकर आए है. लेकिन ग्राहक ज्यादा आकर्षित नहीं दिख रहा है.

    रेती तस्करी और महंगाई

    निर्माण व्यवसाय में रेत की अनूठी पकड महत्वपूर्ण है. भंडारा जिले की वैनगंगा नदी की रेत हर जगह प्रसिद्ध है. हालांकि पिछले कुछ सालो से रेतीघाट की निलामी नही हुई है. तस्करो ने घाट पर कब्जा कर लिया है. उन्होने परस्पर अपनी दरे बढा दी है. एक ट्रक रेती की किमत अब 15,000 रूपये तक पहुच गई है. इसलिए घर बनाने के लिए पहले रेती का शोध लगाने की जरूरत आन पडी है.

    मकान हो सकते है महंगे

    भंडारा शहर में अनेक योजना शुरू की जा रही है. विज्ञापन की सहाय्यता से प्लॉट्स, फ्लॅट, रो हाऊसेस, बंगले ऐसे फंडे तयार किये जा रहे है. बिल्डर ग्राहको को आकर्षित करने के लिए योजना शुरू कर रहे है. लेकिन निर्माण सामग्री के दाम बढने के कारण मकानो के दाम महंगे करना पड रहा है.

    एक बार रेट फिक्स हो जाने के बाद ऐसा नहीं किया जा सकता है. अब निर्माण सामग्री के दाम दिन प्रतिदिन बढते जा रहे है. ऐसी स्थिति में ग्राहक नहीं आते. वही, कई लोग भ्ंडारा शहर में मकान बनाने के बजाए नागपूर भाग जाते है. इसे प्रशासन और सरकारी एजेंसियों द्वारा सत्यापित किया जाना चाहिए. युद्ध् का असर महंगाई पर पड रहा है. कोरोना ने पहले ही बिल्डरो को कडी टक्कर दी है, लेकिन अब महंगाई की मार पड रही है.