घर की छत उड़ी, खंभे गिरे, फसल चौपट; नाना पटोले ने किया दौरा, मुआवजा देने की मांग

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  • जानी किसानों की समस्या

लाखनी. पिछले 8-10 दिनों से बेमौसम बारिश, आंधी, ओलावृष्टि के कारण साकोली उपविभाग के लाखनी, साकोली व लाखांदूर तहसील के अनेक क्षेत्रों में ग्रीष्मकालीन धान, मक्का, सब्जियों की फसल को भारी नुकसान हुआ है. इस कारण किसान आर्थिक और मानसिक रूप से संकट में घिर गया हैं.इसलिए किसान मांग कर रहा हैं कि कृषि विभाग और राजस्व विभाग तुरंत नुकसान ग्रस्त ग्रीष्मकालीन फसलों का निरीक्षण करें और यथाशीघ्र किसानों को मुआवजा प्रदान करें. 

किसानों पर आए संकट को लेकर क्षेत्र के विधायक तथा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने हाल ही में लाखनी तहसील के पालांदूर कृषि मंडल के किसानों की फसलों का निरीक्षण किया तथा राजस्व विभाग, कृषि विभाग के अधिकारियों को लाखनी लाखांदूर व साकोली तहसील के नुकसानग्रस्त फसलों का शीघ्र सर्वे कर पंचनामा कर रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्रस्तुत करने की सूचना दी है. इस अवसर पर पटोले ने बताया कि वर्तमान सरकार की निष्क्रिय एवं किसान विरोधी है. वह किसानों को मुआवजा देने में टालमटोल कर रही है. इसी कारण कांग्रेस ने राज्यपाल को पीड़ित किसानों की समस्या को लेकरज्ञापन दिया है.इसमें किसानों को यथाशीघ्र मुआवजा उपलब्ध कराने की मांग की है.

जिले में 1 से 3 मई तक 55 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है.आज तक मई महीने में इतनी बारिश कभी दर्ज नहीं की गई. अप्रैल महीने में लगभग 25.8 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई. लाखनी लाखांदूर एवं साकोली तहसील क्षेत्र में बेमौसम बारिश, आंधी व ओलावृष्टि का दौर जारी है. ग्रीष्मकालीन धान की फसल नष्ट हो गई. अनेक ग्रामों में कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो गए. अनेक घरों की छते आंधी तूफान से उड़ गई. बिजली के खंभे गिरने से विद्युत आपूर्ति खंडित हो गई.नतीजतन. ग्रामीणों को सारी रात अंधेरे में गुजारना पड़ा.

साकोली,लाखनी एवं लाखांदूर तहसीलों में कुल 25,708 हेक्टेयर ग्रीष्मकालीन फसलों की बुआई की गई. प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार लगभग 345 हेक्टेयर क्षेत्र की फसलों का नुकसान होने का अनुमान प्रशासकीय व्यवस्था ने व्यक्त किया है.