बावनथड़ी रपटे पर ट्रैक्टर ट्रॉली पलटी, बड़ा हादसा टला

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    गोबरवाही. राज्य सरकार के लोक निर्माण विभाग भंडारा डिवीजन द्वारा मार्च महीने के अंत में मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के वाहनों यात्री बसों भारी वाहनों के आवागमन के लिए बावनथडी पर रपटा बनाया गया था. 4 मई को शाम राजीव गांधी प्रकल्प द्वारा नदी में पानी छोड़ा गया. जिससे रपटे के में दरारे पड़ गई. कुछ ही स्थानों पर रपटा टूट गया, वाहनों का आवागमन फिर बंद हो गया है. बड़े पुल पर से भारी वाहनों का आवागमन पहले से ही प्रतिबंधित है. 

    नदी में पानी छोड़ने के कारण रपटा टूटने के कारण लोक निर्माण विभाग द्वारा फिर मरम्मत की गई, हल्के भारी वाहनों का आवागमन फिर शुरू हो गया.

    12 मई शाम को नाक़डोंगरी में हुई मृत्यु के अंत्येष्टि के लिए परिजन नदी पर आए. पच लकड़ी के पश्चात इसी स्थान पर शोकसभा आयोजित की गई थी, लोकसभा चल ही रही थी कि, रपटे पर से गुजर रहे एक ट्रैक्टर ट्राली जिसमें गुड़ के बोरे लदे हुए थे, ट्रैक्टर ट्राली पलट गई.

    गुड़ के बोरे नदी के पात्र में गिर गए, जोर की आवाज हुई, शोकसभा में भागमभाग मच गई. इधर-उधर लोग भागने लगे, यह तो अच्छा हुआ ईश्वर की कृपा से कोई जनहानि नहीं हुई. इसके बाद क्षेत्र में चर्चा शुरू हो गई कि रपटे का निर्माण गुणवत्ता पूर्ण ढंग से हुआ है या नहीं, यह रास्ता हल्के भारी वाहनों के लिए सुरक्षित है या नहीं, यह संशोधन का विषय है.

    रपटा बनाना फिर मरम्मत करना जनता का शासन का रुपया बर्बाद करना कहां तक उचित है. दूसरी बात यह है कि रपटे के निर्माण कार्य का बजट और सारी जानकारी जनता को मिल सके इसीलिए विभाग ने इस स्थल पर कोई जानकारी का फलक भी नहीं लगाया. आम जनता का यह कहना है कि कितनी बार रपटा बनाया जाएगा, कितने बार टूटेगा.

    यदि सरकार बड़ा पुल नहीं बना सकती तो जैसे मध्य प्रदेश सरकार ने देवनारा घाट पर कम लागत का छोटा, कम ऊंचाई का सीमेंट कांक्रीट का पुलिया बनाया है वैसा ही पुलिया का निर्माण करें, ताकि वह वर्षा ऋतु में भी सलामत रहे.

    आज भी अनेक स्थानों पर अंग्रेजकालीन कम ऊंचाई के, छोटे पुल या रपटे पक्के सीमेंट कंक्रीट से बनाए गए हैं, इनकी ऊंचाई भी कम है. किंतु वह अभी भी कायम है. उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. अब प्रश्न यह उठता है यहां रपटा भारी वाहनों के लिए या यात्री बसों के लिए सुरक्षित है या नहीं, यदि यात्री बस पलट जाए तो भारी जनहानि होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.