Pune Police
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    भंडारा: भंडारा दुष्कर्म मामले में आज एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के तहत मामले में ढिलाइ बरतने की वजह से दो पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया गया है वहीं एक महिला पुलिस कांस्टेबल का तबादला जिला पुलिस मुख्यालय किया गया है.

    निलंबित किए गए पुलिस अधिकारियों के नाम हैं सहायक उपनिरीक्षक लखन उईके और उपनिरीक्षक दिलीप घरडे. भंडारा जिला पुलिस अधीक्षक लोहित मतानी ने आज शाम यह जानकारी पत्रपरिषद में दी. कारवाई की गए तीनों पुलिस कर्मी लाखनी पुलिस थाना अंतर्गत सेवारत थे.

    गौरतलब है की भंडारा से 12 किलोमीटर दूर स्थित कन्हाडमोह में धर्मा ढाबे के पास एक 35 वर्षीय महिला को दो लोगों ने अपनी हवस का शिकार बना उसे मरने के लिए कन्हाडमोह पुलिया के नीचे छोड़ दिया था. पुलिस ने शुरुवात से ही इस मामले में ढिलाइ बरती. घटनाक्रम में कल आए एक मोड के तहत पता चला था की जिस रात उस महिला से कन्हाडमोह में दुष्कर्म हुआ उसके एक दिन पहले वह लाखनी पुलिस थाने में थी. लाखनी पुलिस कर्मी अगर उसे थाने में रोकने में सफल हो जाते तो उसके साथ यह दुष्कर्म नहीं होता.

    आज घटनाक्रम को पहले सिरे से जोड़ते हुए पुलिस ने बताया की 31 जुलाई की रात 9 बजे के पहले लाखनी पुलिस की 112 नंबर पर सूचना मिली थी. मुरमाड़ी गाँव की महिला पुलिस पाटील ने यह सूचना दी थी. उसके बाद उस महिला को रात भर लाखनी पुलिस थाने में रखा गया मगर ड्यूटी पर कार्यरत पुलिस कर्मियों को वह चकमा देकर भाग खड़ी हुई. उसके बाद उसके साथ जो हुआ वह सर्वज्ञात है.

    इस मामले की जांच विशेष जांच दल की प्रमुख महिला आयपीएस अधिकारी रागसुधा आर. के नेतृत्व में जारी है. सूत्रों के मुताबिक निलंबन की कारवाई नागपुर के प्रभारी पुलिस महानिरीक्षक संदीप पाटील के लाखनी पुलिस थाने पहुँच मामले की जांच करने के बाद हुई है.

    वहशी दरिंदों को फांसी दो: जयश्री बोरकर 

    पूरे राज्य को झकझोर कर देने वाले 35 वर्षीय महिला के बलात्कारियों को फांसी पे चढ़ा देना चाहिए. उन वहशी दरिंदों ने ना सिर्फ बारी बारी से उसका बलात्कार किया बल्कि उसके शरीर को जबरन शस्त्रों से नुकसान पहुंचाया. फास्ट ट्रैक कोर्ट में इस मामले की सुनवाई और भंडारा की इस निर्भया को न्याय दिलाने की मांग भंडारा जिला महिला काँग्रेस कमिटी की अध्यक्ष जयश्री बोरकर ने की. भंडारा में आयोजित एक पत्र परिषद में आज उन्होंने यह मांग करते हुए उस महिला के पुनर्वास के लिए जल्द से जल्द कदम उठाने की मांग की. साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाएं ना हो इसलिए दामिनी पथक जैसे उपक्रम बड़े पैमाने पर लिए जाने की मांग की. 

    तत्कालीन पुलिस अधीक्षक को निलंबित करो: लोधी समाज 

    पुलिस ने शुरुवात से ही मामले में सतर्कता नहीं दिखाई. पुलिस वालों की गलती से ही वह 35 वर्षीय महिला लाखनी थाने से निकली और उसी रात उसके साथ बलात्कार हुआ और वो मरने की कगार पर पहुंची. पुलिस विभाग को अपनी जिम्मेदारी निभाने में कोताही बरतने के लिए तत्कालीन प्रभारी जिला पुलिस अधीक्षक अनिकेत भारती को निलंबित किया जाए ऐसी मांग लोधी समाज बहूद्देशीय विकास संस्था ने आज भंडारा में की. समाज के प्रतिनिधियों ने आज भंडारा में आयोजित एक पत्रपरिषद में अपनी मांगे रखी और मांगों का निवेदन राज्य के मुख्यमंत्री को भेजा.

    घटना के 15 घंटे बाद तक पुलिस ने कोई कारवाई नहीं की. 1 अगस्त को मामला प्रकाश में आने के बाद प्रेस को इसकी जानकारी 2 अगस्त की रात एक प्रेस नोट द्वारा दी गई. लाखनी पुलिस की लापरवाही भी छुपाई गई. इस तरह नियमित पुलिस अधीक्षक की अनुपस्थिति मे जिले की सुरक्षा का प्रभार संभाल रहे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिकेत भारती ने इस मामले को दबाने की पूरी कोशिश की ऐसा गंभीर आरोप लोधी समाज ने अपने निवेदन में लगाया है. साथ ही इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने और सरकारी वकील उज्ज्वल निकम की नियुक्ति करने की मांग की है. इस मौके पर समाज के कार्यकारी अध्यक्ष अनंतलाल दमाहे, राजीव ठकरेले, हरिश्चंद्र बंधाटे, देवसिंग सव्वालाखे आदि उपस्थित थे.