बेमौसम वर्षा से किसानों में दौड़ी चिंता की लहर

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    भंडारा. किसानों को हर साल प्रकृति की मार का सामना करना पड़ता है. इस बार भी जिले के किसानों को बैमौसम की वर्षा का सामना करना पड़ा है. जनवरी माह में वर्षा न तो किसानों को चाहिए होती है, न जनता को. यह वर्षा का समय नहीं है, फिर भी रविवार को जब भंडारा शहर के तथा तहसील के कुछ क्षेत्रों में शाम के समय वर्षा हुई तो किसानों ने सर पकड़ लिया.

    शाम चार बजे के आसपास हुई वर्षा के कारण जहां एक ओर किसानों की फसल पर असर पड़ा, वहीं दूसरी इस वर्षा के कारण ठंड और बढ़ने की आसार हैं. रविवार को सुबह से ही बदरीला मौसम था, जिसे देखकर यह आशंका पहले से ही व्यक्त की जा रही थी कि शाम तक वर्षा हो सकती है और हुआ भी वहीं शाम को वर्षा हुई.

    चार बजे शुरु हुई वर्षा ने कुछ समय बाद विराम लिया, उसके बाद शाम 6.30 बजे फिर वर्षा का आगमन हुआ. हालांकि वर्षा बहुत देर तक नहीं हुई, लेकिन  इस वर्षा ने किसानों की परेशानी तो बढायी ही, साथ ही इस वर्षा से मौसम के सर्द होने का कयास भी लगाया जा रहा है.   

    भंडारा शहर के साथ-साथ पालांदूर क्षेत्र में भी रविवार को दिनभर बादल छाए रहे और शाम 4:00 बजे से बेमौसम बारिश हुई. इस वर्षा ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि कुछ किसानों का धान सरकारी समर्थन मूल्य धान खरीदी केंद्र पर बिक्री के रखा हुआ है. गोदाम में जगह होने के कारण बहुत से किसानों का धान खरीदी केंद्र में बाहर ही रखा हुआ था, वर्षा के कारण धान भीगने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है.

     उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों पहले ही बेमौसम बारिश के कारण किसानों के खेतों में रखे हुए धान भीग गए और अब फिर से बेमौसम बारिश होने के कारण शेष बचा धान भी भीद गया है, इस कारण किसानों की चिंता बढ़ गई है. पालांदूर क्षेत्र में ज्यादातर किसान सब्जियों की खेती भी करते हैं, सब्जियों की खेती को भी बेमौसम बारिश के कारण नुकसान होने की आशंका जतायी जा रही है.

    विभिन्न रोगों के कारण पहले भी कई फसलें बर्बाद हुई थीं. खऱीफ की फसलों के दैरान विभिन्न रोगों के प्रादुर्भाव के कारण मिर्ची, मक्का, गेहूं, चना, पोपट, कपास , मटर, लाख, लाखोरी समेत बहुत सब्जियों तथा फलों की फसलों को नुकसान पहुंचा था, अब एक बार फिर किसानों की चिंता बदरीले मौसम तथा बेमौसम बरसात ने बढ़ा दी है.