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    भंडारा. मुंबई में होने वाले शीतकालीन  सत्र में विपक्ष ने सरकार को कई विषयों पर घेरने का मन बनाया है. जहां तक भंडारा जिले का प्रश्न है, यहां कई ऐसे प्रश्न हैं, जिन पर शीतकालीन सत्र में दूसरे प्रांत से आने वाले चावल तथा वैनगंगा नदी के होने वली रेत तस्करी का उठाने की मांग स्थानीय लोगो ने विधायक से की है.

    विदर्भ में भंडारा-गोंदिया-चंद्रपुर-गडचिरोली इन चार जिलों में धान उत्पादन भारी संख्या में होता है, इसलिए यहां चावल के मामले में किसी पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं है. भंडारा-गोदिया जिले में पिछले दिनों पड़ोसी प्रांत से चावल आने की बात सामने आयी थी. जब भंडारा- गोंदिया जिले में धान का रिकार्ड उत्पादन होता है तो फिर यहां दूसरे प्रांत से चावल क्यों आता है.

     बताया जा रहा है कि दो माह पहले साकोली तहसील के पलसगांव तथा गोंदिया के राइस मिल से 22 लाख, 50 हजार नकद धनराशि लेकर तेलंगाना राज्य के व्यापारियों का दीवान पलसगांव मार्ग से नवेगांव के पास जा रहा था, उसे रास्ते पर पांच लोगों ने चाकू की नोंक पर लूट लिया. पुलिस ने इस मामले में सक्रियता दिखायी और आरोपियों को बहुत जल्दी धरदबोचा.

    चावल की तरह ही रेतचोरी का मामला लंबे समय से फलफूल रहा है, इस पर किसी प्रकार का अंकुश नहीं लगाया जा रहा है. जिले की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले रेत तथा चावल की कालाबजारी करने वालों पर अंकुश लगाने संबंधी आवाज बुलंद करने की मांग जिले के लोगों ने की है, अब देखना यह है कि मुंबई में होने वाले शीतकालीन सत्र में भंडारा के विधायक इस मुद्दे को कितनी प्रखरता से उठाते हैं.